दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भारत में बुरी तरह कहर ढाया है। आज भी देश में हजारों लोग रोज काल के गाल में समा रहे हैं, लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो मास्क नहीं पहनते। बता दें कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। सरकार ने गुरुवार को बताया कि एक अध्ययन के मुताबिक देश के 50 प्रतिशत लोग मास्क नहीं पहनते, और जो पहनते भी हैं उनमें से अधिकांश इसे सही तरीके से नहीं पहनते। हालांकि राहत की बात यह है कि देश में कोरोना की दूसरी लहर धीमी पड़ती जा रही है।
‘2 सप्ताह से महामारी के मामलों में लगातार कमी’
सरकार ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 10 सप्ताह तक कोरोना वायरस संक्रमण दर में लगातार वृद्धि के बाद, पिछले 2 सप्ताह से महामारी के मामलों में कमी की खबरें आ रही हैं। इसने कहा कि 29 अप्रैल से 5 मई तक ऐसे जिलों की संख्या 210 थी जहां संक्रमण के मामलों में कमी आ रही थी, लेकिन 13 से 19 मई के बीच ऐसे जिलों की संख्या बढ़कर 303 हो गई है। सरकार ने कहा कि 7 राज्यों में संक्रमण के मामलों की दर 25 प्रतिशत से अधिक है, जबकि 22 राज्यों में यह 15 प्रतिशत से अधिक है।
’64 प्रतिशत लोग मास्क से नाक नहीं ढकते’
सरकार ने कहा कि भारत में फरवरी के मध्य से कोविड-19 संबंधी जांच की संख्या में साप्ताहिक रूप से लगातार वृद्धि हो रही है और 12 सप्ताह में इसमें औसतन 2.3 गुना की वृद्धि हुई है। सरकार ने कहा कि एक अध्ययन के अनुसार 50 प्रतिशत लोग अब भी मास्क नहीं पहनते, और जो लोग मास्क पहनते हैं, उनमें से लगभग 64 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो मास्क पहनकर सिर्फ अपना मुंह ढंकते हैं, लेकिन नाक को नहीं ढंकते। इसने कहा कि जून के अंत तक कोविड-19 संबंधी जांच की दैनिक संख्या बढ़कर औसतन 45 लाख तक हो जाएगी।