दिल्ली की वायु गुणवत्ता अभी भी ‘खराब’ श्रेणी में है, लेकिन इसमें सुधार की उम्मीद है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) शुक्रवार को स्थिति की समीक्षा करेगा और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण के तहत लिए गए प्रतिबंधों पर निर्णय ले सकता है. दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर ‘बहुत खराब’ से ‘खराब’ श्रेणी में आने के बीच वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने गुरुवार को कहा कि वह 11 नवंबर को स्थिति की समीक्षा करेगा. एक अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि शहर की हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और हवा की गति में वृद्धि और पराली जलाने के मामलों में गिरावट के साथ इसमें और सुधार होने की संभावना है.
बिगड़ते हालात के बाद लागू की गई पाबंदियां
पराली जलाने के मामलों और प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों की संख्या में वृद्धि के बाद दीवाली के आसपास राजधानी की हवा की गुणवत्ता खराब हो गई, जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को जीआरएपी के चौथे चरण को लागू करने और गैर-बीएस VI वाहनों की आवाजाही और डीजल ट्रकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का फैसला लेना पड़ा.
GRAP के तीसरे चरण के तहत, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियों (आवश्यक को छोड़कर) पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इस चरण के दौरान ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर को भी संचालित करने की अनुमति नहीं है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की बैठक में हो सकते हैं कई फैसले
सीएक्यूएम ने एक बयान में कहा, सीएक्यूएम दिल्ली-एनसीआर के बदलते वायु गुणवत्ता परिदृश्य पर कड़ी नजर रख रहा है और इसके तहत स्थिति की व्यापक समीक्षा के लिए शुक्रवार को एक बैठक बुलाई गई है जिसमें कई फैसले लिए जा सकत हैं.सीएक्यूएम ने एक आदेश भी जारी किया, जिसमें अधिकारियों से निर्माण स्थलों पर पॉलिशिंग और पेंटिंग का काम तुरंत बंद करने को कहा गया क्योंकि इन गतिविधियों से वाष्पशील कार्बनिक यौगिक बनते हैं जो हवा की विषाक्तता को और बढ़ाते हैं और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं.
इधर, राष्ट्रीय राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गुरुवार को 295 दर्ज किया गया. बुधवार को यह 260, मंगलवार को 372, सोमवार को 354, रविवार को 339 और शनिवार को 381 एक्यूआई दर्ज किया गया.