Farmers Protest: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले 6 महीनों से आंदोलन पर बैठे हैं. अब किसानों ने एक बार फिर आंदोलन तेज करने की कवायद शुरू कर दी है. जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच किसान संगठनों ने कल यानि 26 मई को दिल्ली में बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी की है. सरकार ने कोरोना के दौरान किसानों से विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की है. सरकार ने कहा है कि किसान ‘सुपर-स्प्रेडर’ बन सकते हैं
देश में कोरोना से अब तक तीन लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. सबसे ज्यादा मौत कोरोना की दूसरी लहर में हुईं हैं. ऐसे में किसानों के विरोध प्रदर्शन के एलान ने सरकार के सामने नई चुनौती पेश कर दी है. पंजाब के किसान बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमा के लिए कूच कर रहे हैं. किसानों के प्रदर्शन के छह महीने 26 मई को पूरे हो रहे हैं और इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने के लिए संगठन के आह्वान पर किसान कूच कर रहे हैं.
प्रदर्शन नहीं करें किसान, संक्रमण तेजी से फैल सकता है- अमरिंदर
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों के संगठन भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) से कोरोना वायरस से राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसा करने से कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से फैल सकता है. किसानों के संगठन ने राज्य सरकार पर कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने में असफल रहने का आरोप लगाते हुए घोषणा की थी कि वे 28 मई को पटियाला में विरोध प्रदर्शन करेंगे.
सिंह ने किसानों से विरोध प्रदर्शन नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसा कर वे खुद के जीवन को ही संकट में डाल रहे हैं. इससे महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई कमजोर पड़ सकती है. धरना प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण इलाकों से लोग आएंगे, ऐसी स्थिति में पहले से दूसरी लहर की मार झेल रहे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परेशानी हो सकती है.
केन्द्र से फिर बातचीत करने को तैयार- राकेश टिकैत
इस बीच भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान संगठन केन्द्र के साथ बातचीत फिर शुरू करने को तैयार हैं, लेकिन यह बातचीत नये कृषि कानूनों को वापस लेने पर होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने से पहले किसानों के प्रदर्शन स्थल से हटने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता.
किसानों के विरोध प्रदर्शन को 12 विपक्षी दलों का समर्थन
किसान मोर्चा द्वारा आहूत देशव्यापी प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है. पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा, ‘ किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने के मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत देशव्यापी प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी अपना समर्थन देती है. हम केंद्र से आग्रह करते हैं कि वह तत्काल किसानों से बातचीत बहाल करे और उनकी मांगें स्वीकार करे. आप किसानों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है.’ कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों, समाजवादी पार्टी, राकांपा और द्रमुक समेत 12 विपक्षी दलों ने किसानों के देशव्यापी प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है.
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमा पर नवंबर से ही प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार का दावा है कि ये कानून किसानों के हित में हैं. किसानों और केंद्र के बीच इस मुद्दे पर 22 जनवरी से कोई बातचीत नहीं हुई है.