ग्लोबल बैंकिंग क्राइसिस पर वित्तमंत्री निर्मला आज करेंगी बैंकर्स से मुलाकात, इन मुद्दों पर होगा विचार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज ग्राहकों को कर्ज देने वाले सरकारी बैकर्स से मुलाकात करने के लिए एक विशेष बैठक बुलाई है, ताकि आर्थिक तंगी के कारण बैंकिंग सिस्टम की कमजोरियों पर ग्लोबल स्तर की चिंताओं पर उनकी राय ली जा सके. सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में वित्त मंत्री सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन का भी आंकलन करेंगी, क्योंकि वित्त वर्ष 23 उनकी वित्तीय आवश्यकताओं के अलावा यदि कोई हो, जो करीब आ रहा है. हालांकि विशेषज्ञों ने घरेलू बैंकों की मजबूत बैलेंस शीट को देखते हुए किसी भी तरह के प्रभाव से इनकार किया है,

फाइनेंस मिनिस्टर कर्जदाताओं से जानना चाहती हैं कि क्या किसी बैंकिंग संकट को लेकर नीतिगत हस्तक्षेप (Policy Intervention) की आवश्यकता है. इस बैठक में सरकार पहले से ही वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के संपर्क में है. एक व्यक्ति ने कहा कि बैंकों के प्रमुख पैरामीटर्स के साथ किसी भी स्थानीय प्रभाव को खारिज कर दिया गया है. सरकार जरूरत पड़ने पर पहले से ही कदम उठाने के लिए गहन मूल्यांकन करना चाहती है.

वित्त मंत्रालय ने पहले ही सभी सरकारी बैंकों को वित्त वर्ष 24 से शुरू होने वाले तीन वर्षों के लिए एक रणनीतिक रोडमैप तैयार करने के लिए कहा है. सरकार अप्रैल के पहले सप्ताह में ईज 6.0 कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अगली पीढ़ी के सुधारों को भी मंजूरी दे सकती है. यूएस में दो क्षेत्रीय बैंकों – सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक के डूबने और प्रतिद्वंद्वी यूबीएस ग्रुप एजी के साथ क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी के जबरन विलय ने वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र पर डोमिनोज प्रभाव को लेकर दहशत फैला दी है.

इस बैंक को बचाने पर जोर दे रही अमेरिकी सरकार
अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरों में तेजी से वृद्धि ने लंबी-मैच्योरिटी ऋण रखने वाले बैंकों पर बड़े मार्क-टू-मार्केट नुकसान लगाए हैं. सिलिकॉन वैली बैंक के मामले में जैसा हुआ. चिंतित जमाकर्ताओं ने धन निकाल लिया, इससे और अधिक विफलताएं पैदा हो सकती हैं. अमेरिकी प्रशासन फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को बचाने पर जोर दे रहा है, जिसने अपनी लगभग 40% जमा राशि खो दी है.

भारतीय कर्जदाताओं ने पास कर लिया ये परीक्षण
सूत्रों के अनुसार, मार्च 2022 के अंत में सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) मार्च 2018 के अंत में 11.2% से गिरकर सकल अग्रिम का 5.8% हो गई. सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मुनाफे में हैं. FY22 में सकल लाभ 66,543 करोड़ रुपये था और चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में बढ़कर 70,167 करोड़ रुपये हो गया है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात मार्च 2015 में 11.5% से बढ़कर दिसंबर 2022 में 14.5% हो गया. साथ ही, भारतीय कर्जदाताओं ने केंद्रीय बैंक के तनाव परीक्षणों को पास कर लिया है.

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