देश में कई राज्यों के साथ मध्य प्रदेश में भी इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा चुनाव के पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व स्वयंसेवकों के एक समूह ने रविवार को मध्य प्रदेश में एक राजनीतिक दल ‘जनहित पार्टी’ बनाने की घोषणा की और कहा कि यह कदम राजनीतिक दलों को शासन में सुधार करने के लिए प्रेरित करेगा. इसके साथ ही उन्होंने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बीजेपी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के पूर्व प्रचारक अभय जैन, मनीष काले एवं बिशाल बिंदल सहित अन्य ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले एक राजनीतिक दल के गठन करने का ऐलान किया. आरएसएस के पूर्व प्रचारकों ने नई पार्टी के गठन का ऐलान करते हुए कहा कि भी राजनीतिक दलों की संस्कृति लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों के खिलाफ है.
उन्होंने ऐलान किया कि नवगठित पार्टी का पहला कार्यकर्ता सम्मेलन 10 सितंबर को भोपाल में होगा. इस सम्मेलन में जनहित पार्टी के गठन की औपचारिक घोषणा के बाद चुनाव आयोग में पंजीकरण की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी.
राजनीतिक दल लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों के खिलाफ
भोपाल में पूर्व स्वयंसेवकों के साथ बैठक के बाद पूर्व आरएसएस प्रचारक अभय जैन ने संवाददाताओं को बताया, हमने जनहित पार्टी का गठन किया है, क्योंकि सभी राजनीतिक दलों की संस्कृति लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों के खिलाफ है. सभी विफल हो गए हैं.”
उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी अभी तक पंजीकृत पार्टी सत्तारूढ़ बीजेपी के वोटों में सेंध लगाएगी. 2018 में पिछले मध्य प्रदेश चुनाव में वहां नहीं थे जब भाजपा हार गई थी. फिर भाजपा के वोट कांग्रेस में स्थानांतरित हो गए जो अच्छी स्थिति में नहीं है.
जैन ने कहा कि वे मप्र में बीजेपी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जब हम राजनीतिक मंच पर आएंगे तो क्या होगा? अगर बीजेपी को पांच वोट का नुकसान होता है, तो राजनीतिक अंकगणित के हिसाब से कांग्रेस को उनका फायदा नहीं होगा.” जैन 1986 से 2007 तक संघ प्रचारक रहे थे. 2007 में संघ से मुक्त होने के बाद से वह लगातार सामाजिक आंदोलन चला रहे हैं.
नवगठित पार्टी ने मध्य प्रदेश में विस्तार की बनाई योजना
उन्होंने दावा किया कि वह अभी भी “आरएसएस स्वयंसेवक” हैं. मप्र के ग्वालियर और रीवा क्षेत्र के एक अन्य पूर्व प्रचारक, मनीष काले (55) ने कहा कि उन्होंने भी बैठक में भाग लिया था. वह 1991 से 2007 तक प्रचारक थे.
कभी संघ परिवार के संगठन भारतीय किसान संघ से जुड़े रहे रवि दत्त सिंह कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो पार्टी नेता निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. मनीष काले आरएसएस के रीवा विभाग के प्रचारक रहे हैं. लंबे समय से ग्वालियर-चंबल के पूरे इलाके में सक्रिय हैं. विशाल बिंदल भोपाल संभाग प्रचारक रहे हैं. इन दिनों वह झारखंड में सक्रिय हैं.
वहां सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों का नेतृत्व किया. डॉ. सुभाष बारोट पिछले 40 वर्षों से सामाजिक कार्यों में लगे हुए हैं. संघ के पूर्णकालिक सदस्य और जनहित पार्टी के मीडिया का काम देखने वाले स्वप्निल जोशी ने कहा कि हिंदुत्व एजेंडे के साथ-साथ हमारा जोर शासन पर ज्यादा रहेगा.