फरीदाबाद: पुलिस आयुक्त फरीदाबाद विकास अरोड़ा ने शहर में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए वारदातों में संलिप्त अपराधियों की धरपकड़ के दिशा निर्देश दिए है , पुलिस उपायुक्त (अपराध) नरेन्द्र कुमार के मार्गदर्शन में कार्यवाही करते हुए क्राइम ब्रांच सेन्ट्रल की टीम ने 4 महीने पहले पाली क्रेशर जोन में हुई लूट मामले में 4 आरोपियो को थाना डबुआ के क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दीपक उर्फ मोटा रोहित अमित और सुनील का नाम शामिल है। आरोपी दीपक उर्फ मोटा तथा सुनील दिल्ली के रहने वाले हैं वहीं, रोहित और अमित पाली गांव के रहने वाले हैं।
11 अगस्त रात करीब 12:00 बजे क्रेशर जोन मुंशी के ऑफिस में पांच आरोपियों ने अवैध हथियारों के बल पर मुंशी के साथ लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया था जिसमें उन्होंने 127000 रुपए की लूट की थी। शिकायतकर्ता ने थाना डबुआ में दी अपनी शिकायत में बताया कि रात 12:00 बजे पांच नकाबपोश आरोपी उनके ऑफिस में घुसे और लूट की वारदात को अंजाम दिया था। शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई और क्राइम ब्रांच सेंट्रल ने इस वारदात को समझाते हुए वारदात में शामिल चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस प्रवक्ता सुबे सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उपरोक्त आरोपियो को गुप्त सूत्रों से प्राप्त सूचना के आधार पर थाना डबुआ के क्षेत्र से गिरफ्तार करते हुए 4 वारदात को सुलझाई है। आरोपियो ने थाना डबुआ के क्षेत्र में एक अन्य लूट की योजना बनाई थी जिसको क्राइम ब्रांच सैन्ट्रल की टीम ने नाकाम करते हुए चारो आरोपियो को देशी पिस्टल, लोहा रोंड सहित मौके से गिरफ्तार करने में सफलता हासिंल की है।
पूछताछ में आरोपियो ने बताया कि आरोपियो ने इसके अलावा आरोपियो ने थाना सराय ख्वाजा के क्षेत्र में 5 अगस्त को स्नैचिंग तथा 6 अप्रैल को थाना डबुआ क्षेत्र में लूट की वारदात को अजाम दिया था। आरोपी नशा करने के आदि है और नशे की आपूर्ति के लिए लूट व छीनाझपटी की वारदातों को अंजाम देते हैं। इस वारदात का मुख्य आरोपी दीपक है जो एक पेशेवर अपराधी है और कई बार तिहाड़ जेल में सजा काट चुका है। दीपक अभी जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ था। आरोपियो ने पूछताछ में इससे पूर्व में की गई 3 वारदातो का खुलासा किया है। आरोपी प्लानिग करके ही वारदात को अंजाम देते हैं और वारदात के बाद वारदात में लुटी गई रकम को आपस मे बाट लेते है। आरोपी घटना को अंजाम देने से पहले अपने चेहरे को कपडे ढक लेते थे ताकि उनकी पहचान उजागर न हो और वह पुलिस के शिकंजे से बच सके परंतु उन्हें शायद मालूम नहीं था कि पुलिस की नजरो से कोई भी अपराधी नहीं बच सकता।
आरोपियों को आज अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा और पूर्व में की गई वारदातों की गहनता से जांच करके बरामदगी की जाएगी।