नई दिल्ली: दूरसंचार विभाग ने मंगलवार चार मई को टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) को 5G टेक्नोलॉजी और स्पेक्ट्रम ट्रायल्स के लिए आगे बढ़ने की इजाजत दे दी. भारती एयरटेल, रिलायंस जिओइन्फोकॉम, वोडाफोन आइडिया और एमएनटीएल देश के विभिन्न स्थानों में 5G ट्रायल शुरू करेंगे, इसमें ग्रामीण, अर्धशहरी और शहरी तीनों ही क्षेत्रों को कवर किया जाएगा. ट्रायल के लिए मंजूर की गई टेलीकॉम उपकरण निर्माता कंपनियों में एरिकसन, सैमसंग, सी-डॉट और रिलायंस जिओ की स्वदेश में विकसित तकनीक शामिल है. इसके मायने यह है कि कोई चीनी उपकरण निर्माता कंपनी 5G ट्रायल्स में शामिल नहीं है.
दूरसंचार विभाग की ओर से एक बयान में कहा गया है, ‘डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) ने आज टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) को 5G टेक्नोलॉजी का ट्रायल करने और उसके इस्तेमाल की इजाजत दी है. आवेदक TSPs में भारती एयरटेल, रिलायंस जिओइन्फोकॉम, वोडाफोन आइडिया और एमएनटीएल शामिल हैं.’ ‘शुरुआत में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने चीन के Huawei की टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए ट्रायल करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि चीनी कंपनी की तकनीक के बिना ही यह ट्रायल किया जाएगा.
दूरसंचार विभाग की ओर से एक बयान में कहा गया है, ‘डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DoT) ने आज टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) को 5G टेक्नोलॉजी का ट्रायल करने और उसके इस्तेमाल की इजाजत दी है. आवेदक TSPs में भारती एयरटेल, रिलायंस जिओइन्फोकॉम, वोडाफोन आइडिया और एमएनटीएल शामिल हैं.’ ‘शुरुआत में भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने चीन के Huawei की टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए ट्रायल करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि चीनी कंपनी की तकनीक के बिना ही यह ट्रायल किया जाएगा.
इस कदम से यह भी संकेत मिलता है कि सरकार देश में 5G सर्विस के मामले में चीनी कंपनियों को भागीदारी करने से रोक सकती है. टेलीकॉम आपरेटर्स को उनकी मौजूदा स्पैक्ट्रम (800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz and 2500 MHz) को 5G ट्रायल में इस्तेमाल करने की भी इजाजत दी जाएगी. DoT की ओर से कहा गया है, ‘वर्तमान में ट्रायल की अवधि छह माह के लिए होगी, इसमें उपकरणों की खरीद और स्थापना के लिए दो माह का समय भी शामिल होगा.