निकाय चुनाव में हार पर महा मंथन, बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुलाई बैठक; कल लखनऊ में जुटेंगे पार्टी के नेता

यूपी निकाय चुनाव संपन्न हो चुके हैं. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी चुनाव में मिली जीत से उत्साहित है. वहीं विपक्षी दल सपा और बसपा हार का मंथन करने में जुटे हुए हैं. इसी को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कल यानि 18 मई को राजधानी लखनऊ में विशेष वैठक बुलाई है. इस बैठक में राज्य के सभी जिलों से छोटे-बड़े पदाधिकारी, मंडल और जिलाध्यक्ष सहित बसपा के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.

दरअसल, बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज सुबह-सुबह ट्वीट कर इस बैठक की जानकारी दी. मायावती ने ट्वीट कर यूपी की योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. मायावती ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी की जनविरोधी नीतियां यूपी के लोगों के लिए घातक साबित होंगी. हमें इसके खिलाफ लड़ना है. अपनी गलत नीतियों और कामों के कारण जनता में फैले अविश्वास को दबाने के लिए ये लोग चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हैं.

सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग ही लोकतंत्र के लिए घातक- मायावती
मायातवी ने कहा कि चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग ही लोकतंत्र के लिए घातक है. इनकी द्वेषपूर्ण भावना, दमनकारी व्यवहार और धर्म का राजनीतिक करना जनता के हित में नहीं है. मायावती ने कहा कि बसपा सत्ताधारी पार्टी की नीतियों के खिलाफ डटकर मुकाबला करेगी. इसके लिए हमें ठोस रणनीति बनाकर काम करना होगा. ताकि लोकसभा चुनाव में हम बेहतर प्रदर्शन कर सकें.

लोकसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी में जुटे- मायावती
मायावती ने कहा कि अगर लोकसभा चुनाव में हमें अच्छा प्रदर्शन करना है तो अभी से तैयारियों में जुट जाना होगा. इसलिए प्रदेश के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारी, मंडल और जिलाध्यक्ष सहित बसपा के सभी वरिष्ठ नेता कल यानि 18 मई को लखनऊ में उपस्थित हों. निकाय चुनाव में हार की समीक्षा के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कल विशेष बैठक होगी.

पिछली बार 2 इस बार एक भी मेयर सीट नहीं बसपा के पास
बता दें कि निकाय चुनाव में बसपा के बहुत ही खराब प्रदर्शन रहा, जहां पिछले निकाय चुनाव में बसपा ने मेयर की दो सीटों पर कब्जा जमाया था तो वहीं इस बार एक भी मेयर सीट उसके खाते में नहीं आई. प्रदेश की सभी 17 मेयर सीटों पर बीजेपी ने कब्जा जमाया. वहीं नगर पालिया और नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी बसपा कोई खास कमाल नहीं कर सकी. अधिकतर जिलों में उसे हार का सामना करना पड़ा. शायद इसी वजह से बसपा सुप्रीमो ने आनन-फानन में बैठक बुलाई है, ताकि लोकसभा में इस तरह का प्रदर्शन न हो.

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