फरीदाबाद: बीते कई महीनो से फरीदाबाद में रजिस्ट्री ना होने के चलते लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के संकट से अभी प्रॉपर्टी जगत के व्यापारी उभरे भी नहीं थे कि सरकार द्वारा रजिस्ट्री बंद करने का तुगलकी आदेश व्यापारियों की कमर तोड़ गया। अब ना तो व्यापरी घर बेच पा रहा है और ना ही खरीद पा रहा है, मामला यही नहीं रुकता सरकार की बेरुखी के चलते व्यापारी करोडो रुपये प्रॉपर्टी में लगाने के बाद आज केवल बैंक की ब्याज भर रहा है। इसी मामले में ग्रीनफील्ड बिल्डर एंड डीलर एसोसिएशन ने आज केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुज्जर को जिले में रजिस्ट्री खुलवाने हेतु ज्ञापन सौपा है। ग्रीनफील्ड बिल्डर एंड डीलर एसोसिएशन के प्रधान आकाश गुप्ता के मुताबिक बीते कई महीनो से हुड्डा सेक्टर में रजिस्ट्री बंद है। जिसके कारण ग्राहक और बिल्डर को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। आर्थिक तंगी के कारण मजदूरों और ठेकेदारों को पेमेंट करने में परेशानी आ रही है।
साथ ही आकाश गुप्ता ने कहा है कि रजिस्ट्री के नए नियम के अनुसार प्लाट के रेट की कीमत के तहत फ्लोर की रजिस्ट्री का अमाउंट तय होगा। जिसका उनकी एसोसिएशन पूरे तरीके से विरोध करती है। रजिस्ट्री के नए नियम के बाद फ्लोर की रजिस्ट्री मार्किट वैल्यू से 25% ज्यादा बढ़ गयी है। जिसकी वजह से आने वाले समय में ग्राहक और बिल्डर के बीच काफी परेशानी खड़ी होगी। एसोसिएशन के प्रधान आकाश गुप्ता ने केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुज्जर से इस समस्या का समाधान निकलवाने की अपील की है।
आकाश गुप्ता ने प्रॉपर्टी से जुड़े सभी व्यापारियों को एक सन्देश भी दिया है जिसमे उन्होंने कहा है कि “आप सभी साथियों को सूचित किया जाता है कि, पूरे हरियाणा प्रदेश में नए पोर्टल के ऑनलाइन सिस्टम के द्वारा फ्लोर वाइज घरों की रजिस्ट्रीयां नहीं हो पा रही हैं। क्योंकि इसमें मौजूदा कलेक्ट्र रेटो से हटकर नई तरह से फ्लोर की कलेक्टर वैल्यू की गणना की जा रही है। जिसमें ग्राउंड फ्लोर विद रूफ राइट होने पर 100% लैंड कॉस्ट प्लस कंस्ट्रक्शंन कोस्ट को जोड़कर कीमत मानी जा रही है। बिना रूफ राइट 80% लैंड कॉस्ट प्लस कंस्ट्रक्शंन कॉस्ट इस प्रकार अलग-अलग फ्लोर की अलग-अलग परसेंटेज के अनुसार लैंड कॉस्ट को जोड़ने से 4 मंजिला मकान की जमीन की कीमत को 310% तक चार्ज किया जा रहा है। जो सस्ता मकान व अपना आशियाना या अपनी छत देखने का ख्वाब संजो कर बैठे थे। उनके साथ बहुत बड़ा धोखा है। शायद मल्टी स्टोरी बड़े-बड़े बिल्डरों के दबाव में ऐसा प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जानबूझकर सरकार को बदनाम करने व उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। हमारी शुरू से ही मांग रही है कि, जिस प्लॉट पर जितने मंजिल मकान बनाने की अनुमति है। उस पूरी लैड की कीमत को उतने हिस्सों में बांट कर कंस्ट्रक्शन कॉस्ट को ऐड करके समानता के अनुसार कलेक्टर वैल्यू रखी जानी चाहिए।”
इस मौके पर केशव अग्रवाल, रवि गुप्ता, उमाशंकर गर्ग, देवेंद्र सिंघला, ललित भड़ाना समेट प्रॉपर्टी जगत से जुड़े कई व्यापारी मौजूद रहे