गांधीनगर: गुजरात सरकार ने कोरोना की फर्जी जांच रिपोर्ट देने के मामले में 2 लैब्स पर कड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 की फर्जी जांच रिपोर्ट देने के मामले में सूरत शहर की 2 प्रयोगशालाओं को बंद किया गया है। ये लैब्स लोगों को फर्जी निगेटिव कोरोना रिपोर्ट का सर्टिफिकेट दे रही थीं। राज्य के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कपड़वंज सीट से विधायक कालाभाई दाभी द्वारा पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में विधानसभा में यह जानकारी दी। पटेल ने कहा कि सरकार को शिकायत मिली थीं कि ये दो प्रयोगशालाएं कोविड-19 की फर्जी नेगेटिव रिपोर्ट जारी कर रही थीं।
‘अगले आदेश तक सूरत की तेजस और हेमज्योत लैब्स बंद’
मामले के बारे में जानकारी देते हुए पटेल ने कहा, ‘हमें शिकायतें मिली थीं कि सूरत में तेजस और हेमज्योत प्रयोगशालाएं कोविड-19 की फर्जी रिपोर्ट जारी कर रही थीं, जिसके बाद हमने आरोपों का सत्यापन किया।’ उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रयोगशालाएं अगले आदेश तक बंद रहेंगी। इस बीच गुजरात सरकार ने 4 शहरों में लागू रात का कर्फ्यू मंगलवार को और 15 दिन यानी 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में लागू रात का कर्फ्यू अब 15 अप्रैल तक रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रभावी रहेगा।
गुजरात में मंगलवार को आए थे कोरोना के 2220 नए मामले
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार ने जांच, संक्रमितों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाने और उपचार एवं अन्य उपायों पर केंद्र के दिशानिर्देशों को लागू करने को भी 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण सरकार ने गत 16 मार्च को रात के कर्फ्यू के समय में दो घंटे की वृद्धि की थी जो पिछले साल नवंबर से लागू है। स्थानीय अधिकारियों ने बाद में उस समय को एक और घंटे बढ़ाने का फैसला किया। रात का कर्फ्यू 31 मार्च तक लागू रहना था। गुजरात में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,220 नए मामले सामने आये।