बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विरुद्ध दाखिल परिवाद पर एक अगस्त को सुनवाई होगी।यह परिवाद अधिवक्ता सूरज कुमार ने एक मई को अपर न्यायिक दंडाधिकारी-प्रथम पश्चिमी के कोर्ट में दाखिल किया था।इसमें आरोप लगाया गया था कि 24 अप्रैल को राजस्थान के एक कार्यक्रम में उन्होंने खुद को भगवान हनुमान का अवतार बताया था।यह हिंदू धार्मिक भावना का अपमान है। इससे उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है।
अपर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम ने इस मामले की सुनवाई के लिए न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी गरिमा सिंह के कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था।दस मई को मामले की सुनवाई के बाद न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) गरिमा सिंह के कोर्ट ने अधिवक्ता को पहले पुलिस के पास मामला ले जाने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने यह भी कहा था कि यदि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है तो अदालत इस परिवाद पर सुनवाई करेगी।न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) गरिमा सिंह के स्थानांतरण के बाद इस मामले की न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) जयप्रकाश की कोर्ट में सुनवाई हो रही है।
पिछली सुनवाई के दौरान अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि वह अब तक पुलिस में मामला नहीं ले जा सके हैं।इसके लिए उन्होंने और समय देने की कोर्ट से प्रार्थना की थी। कोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार कर लिया था।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में कोई अर्जी दाखिल नहीं की गई। इसके बाद कोर्ट ने परिवाद की सुनवाई के लिए एक अगस्त की तिथि तय की।