इंडोनेशिया में एक नर्स और एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के बीच शारीरिक संबंध बनाने का मामला सामने आया है. इस घटना के सामने आने के बाद इस पुरूष नर्स को सस्पेंड कर दिया गया है और इसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों लोगों ने अस्पताल के टॉयलेट में संबंध बनाए. ये घटना तब सामने आई जब इस कोरोना मरीज ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कुछ स्क्रीनशॉट्स शेयर किए.
इस मरीज ने कुछ व्हाट्सएप मैसेज के स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं जिसमें वे इस हेल्थ वर्कर के साथ फ्लर्ट करते दिखे. इसके अलावा इस शख्स ने एक पीपीई किट की तस्वीर भी पोस्ट की. रिपोर्ट्स के अनुसार, हेल्थ वर्कर ने संबंध बनाने से पहले अपनी पीपीई किट उतार फेंकी थी. इंडोनेशिया नेशनल नर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि ये सच है कि विस्मा एटलेट इमरजेंसी अस्पताल में एक हेल्थ वर्कर और एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के समलैंगिक रिश्ते की बात सामने आई है. रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों लोगों ने इस बात को कबूल भी लिया है.
इस हेल्थ वर्कर को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है वही मरीज अब भी कोरोना पॉजिटिव है और वो एशियन गेम्स के लिए बनाए गए विलेज में है जिसे महामारी के चलते एक कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस केस को सेंट्रल जकार्ता पुलिस को ट्रांसफर किया गया है. माना जा रहा है कि इस केस में ट्विटर पर तस्वीरें डालने के चलते दोनों लोगों को पॉर्नोग्राफी कानून के तहत सजा हो सकती है.
इंडोनेशिया पॉर्नोग्राफिक कानूनों के अनुसार, अगर इस केस में दोनों कसूरवार पाए गए तो इन्हें जेल में 10 साल तक की सजा काटनी पड़ सकती है. वहीं इस मामले में ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि इंडोनेशिया का प्रशासन जानबूझकर एलजीबीटी समुदाय के लोगों को टारगेट कर रहा है. गौरतलब है कि इंडोनेशिया में समलैंगिक रिश्ते बनाना क्राइम नहीं है लेकिन एलजीबीटी समुदाय के राइट्स को बचाने के लिए कानूनों की कमी के चलते इस इस्लामिक देश में इस समुदाय के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
बता दें कि इंडोनेशिया में पिछले कुछ समय से कोरोना मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. यहां हर दिन लगभग 7-8 हजार नए केस सामने आ रहे हैं. इस देश में फिलहाल 7 लाख 27 हजार लोग कोरोना पॉजिटिव हैं. कोरोना वायरस महामारी के चलते इंडोनेशिया में अब तक 21 हजार 703 लोगों की मौत हो चुकी है.