विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी स्थित इंडिया हाउस में थिंक-टैंक और रणनीतिक समुदाय के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने भारत-अमेरिका संबंध (India-America relations) को लेकर भी बयान जारी किया. साथ ही चीन के साथ आपसी संबंध को लेकर भी बातचीत की.
जयशंकर ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध आज दुनिया के बाकी हिस्सों को प्रभावित करते हैं. उन्होंने कहा, “मुऐसे कई देश हैं, जो व्यक्तिगत और द्विपक्षीय रूप से बेहतरी के कुछ हिस्से के लिए हमारी तरफ देखते हैं. कई देश हमसे समाधान की उम्मीद करते हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध
इसके साथ ही उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि ऐसे योगदान हैं, जो भारत कर सकता है. आज हमारे पास एक स्थिर भूमिका है, हमारी एक सेतु भूमिका है. हमारी एक राजनयिक भूमिका है, हमें आर्थिक दृष्टि से देखना होगा, हम वैश्विक अर्थव्यवस्था के जोखिम को कम करने में कैसे योगदान दे सकते हैं?
भारत-चीन संबंध
चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर जयशंकर ने कहा कि भारत ने चीन के साथ संबंध के लिए प्रयास जारी रखे हैं, जो आपसी संवेदनशीलता, आपसी सम्मान और आपसी हित पर बना है. साथ ही उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय परामर्श को ठोस, सकारात्मक और उत्पादक बताते हुए कहा कि उनकी यात्रा बहुत आरामदायक थी और उन्होंने अमेरिका में मंत्रियों के साथ कुछ बहुत अच्छी बातचीत की.
‘हर मुद्दे पर नहीं हो सकते सहमत’
जयशंकर ने आगे कहा कि इस द्विपक्षीय बातचीत को बड़ी वैश्विक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था. वहीं, भारत और अमेरिका की प्राथमिकताएं कभी-कभी अलग-अलग रही हैं. वाशिंगटन की यात्रा को सुविधाजनक बताते हुए विदेश मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि दोनों देश इस बात को समझते हैं कि हर मुद्दे के हर पहलू पर पूरी तरह से सहमत न होने के बावजूद एक-दूसरे के लिए जगह कैसे बनाई जाए और कैसे काम किया जाए.