स्वतंत्र भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी का निधन, PM नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी का शुक्रवार देर रात लगभग 2 बजे निधन हो गया. हिमाचल प्रदेश के किन्नौर निवासी नेगी 106 साल के थे. उन्होंने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए 2 नवंबर को आखिरी मतदान अपने घर से ही किया था.वोट डालने के बाद श्याम सरन ने कहा था कि मतदान लोकतंत्र का महापर्व होता है. हम सभी को मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने भी देश के सबसे उम्रदराज मतदाता नेगी की तारीफ करते हुए कहा था कि इससे नई पीढ़ी के लोग मतदान के लिए प्रेरित होंगे. वहीं श्याम सरन नेगी के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है.

वहीं डीसी किन्नौर आबिद हुसैन का कहना है कि जिला प्रशासन सबसे बुजुर्ग मतदाता केअंतिम संस्कार की व्यवस्था कर रहा है. उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करने की पूरी तैयारी की जा रही है.

16 बार किया लोकसभा चुनाव में मतदान
जुलाई 1917 में जन्मे नेगी ने 1951 से लेकर अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव में मतदान किया था. इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने 34वीं बार मतदान किया था. वो 2014 से हिमाचल के चुनाव आइकन भी रहे, नेगी ने 1951 से हर चुनाव में मतदान किया है. पेशे से शिक्षक रहे नेगी ने अपने जीवनकाल में कभी भी मतदान करने का अवसर नहीं छोड़ा.

2 नवंबर को नेगी के लिए बिछाया गया था रेड कार्पेट
जिला निर्वाचन अधिकारी आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि 2 नबंवर को मतदान के दिन नेगी को उनके घर के प्रांगण में बने डाक बूथ तक लाने के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया था. मतदान के बाद उनके वोट को एक लिफाफे में बंद कर मतपेटी में डाल दिया गया था. इसी के ही साथ श्याम सरन नेगी को टोपी और मफलर भेंट कर सम्मानित किया गया था. सादिक ने कहा कि 1951 से 2021 तक मंडी संसदीय सीट के उपचुनाव में नेगी ने अपने गांव के मतदान केंद्र पर जाकर हमेशा मतदान किया था और इस बार भी वह मतदान केंद्र पर वोट डालने के इच्छुक थे, लेकिन तबीयत खराब होने के चलते उन्होंने घर से मतदान किया था.

1951 में भारी बर्फबारी के बाद भी मत डालने गए थे नेगी
2014 के संसदीय चुनावों के दौरानप्लेज टू वोट अभियान के लिए गूगल द्वारा उनका एक वीडियो बनाया गया था. जिसके बाद नेगी विश्व स्तर पर सुर्खियों में छा गए थे. गूगल वीडियो वायरल होने के बाद नेगी घर-घर में पहचाने जाने लगे. इस वीडियो में उन्हें 25 अक्टूबर 1951 की कहानी सुनाते हुए दिखाया गया था, जब उन्होंने भारी बर्फबारी के बावजूद मतदान केंद्र की ओर चलने के लिए बाहर कदम रखा था.

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