भारत और चीन के बीच पिछले सात महीने से पूर्वी लद्दाख में तनाव जारी है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर जारी तनाव में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) और सेना बराबर हाई अलर्ट पर हैं. इस बीच आईएएफ को एक ऐसे हथियार से लैस किया गया जाने वाला है जो दुश्मन के हर वार को बेअसर करेगा. पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वायुसेना के लिए ऐसे फाइटर शेल्टर्स को तैयार किया जा रहा है जो हजारों पौंड के बम का हमला भी झेल जाएंगे. क्या है ये और कैसे वायुसेना दुश्मन के हमले को बेअसर करेगी, पढ़ें इस रिपोर्ट में.
108 एडवांस्ड शेल्टर्स की मंजूरी
भारतीय वायुसेना के इन शेल्टर्स को नेक्स्ट जनरेशन हार्डेंड एयरक्राफ्ट शेल्टर्स (NGHAS) कहा जा रहा है. इन शेल्टर्स को असम के छाबुआ एयरफोर्स स्टेशन पर तैयार किया जा रहा है जो कि चीन बॉर्डर के करीब है. बताया जा रहा है कि ये स्पेशलाइज्ड ढांचा 2000 पाउंड वाले वजन का हमला भी झेल सकता है. इन शेल्टर्स को री-इनफोर्स्ड कंक्रीट, रेत और स्टील से तैयार किया गया है. इन शेल्टर्स के बाद डायरेक्ट हिट में 2000 पाउंड वाले बम का हमला भी बेअसर रहेगा. साल 2019 में भारत सरकार की तरफ से ऐसे 108 एडवांस्ड शेल्टर्स के लिए मंजूरी दी गई थी. इसके बाद नॉर्दन बॉर्डर्स पर स्थित फॉरवर्ड इलाके में किसी फाइटर जेट को सुरक्षित रखा जा सकेगा.
नॉर्थ-ईस्ट में भी राफेल की तैनाती
चीन ने अरुणाचल प्रदेश के ठीक सामने स्थित तिब्बत में बड़े स्तर पर डेप्लॉयमेंट किया है. इसके अलावा उसकी तरफ से लगातार यहां पर इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को अंजाम दिया जा रहा है. चीन के इस कदम के बाद ही यह फैसला लिया गया है. भारत और चीन मई 2020 से ही पूर्वी लद्दाख में आमने-सामने हैं. जो फाइटर शेल्टर्स तैयार किए गए हैं, उनमें से ज्यादातर रूस के बने सुखोई-30 फाइटर जेट्स के लिए डिजाइन किए गए हैं. इस क्षेत्र में पहले से ही मिग-21 तैनात हैं. जल्द ही राफेल जेट भी यहां पर पहुंचने वाले हैं. आईएएफ के पास अब ऐसी टेक्नोलॉजी भी है जिसकी मदद से कुछ ही घंटों के अंदर उस रनवे को पूरी तरह से ठीक कर लिया जाएगा जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है.
लद्दाख में लगातार उड़ान भर रहे सुखोई
फाइटर शेल्टर्स और डैमेज्ड रनवेज को तुरंत ठीक करने की क्षमता के बाद भारत विपरीत स्थितियों में चीन को बखूबी जवाब दे सकता है. अभी तक पाकिस्तान से लगे वेस्टर्न सेक्टर में ही इस तरह के ब्लास्ट पेन्स थे. E के आकार वाले इन ब्लास्ट पेन्स के बाद किसी भी एयरक्राफ्ट को दुश्मन के जेट या फिर मिसाइल हमले से पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सकता है. भारत और चीन दोनों ही लगातार एलएसी पर इनफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में तेजी ला रहे हैं. दोनों तरफ से पूर्वी लद्दाख में भारी संख्या में जवान तैनात किए गए हैं और साथ ही हथियारों की तैनाती को भी बढ़ा दिया गया है. आईएएफ के जेट्स लगातार लद्दाख में एलएसी के करीब उड़ान भर रहे हैं.