भुज: लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक ‘बालिका वधू’ से सबक लेते हुए कच्छ का एक प्रगतिशील गांव बालिका पंचायत के जरिए गांव की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है. इस कदम का उद्देश्य लड़कियों के मुद्दों को एड्रेस करना और लड़कियों का, लड़कियों द्वारा, लड़कियों के मुद्दों का समाधान करना है.
भुज में जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर कुनरिया गांव की आबादी लगभग 4,000 है. गांव की 10 से 21 साल की युवा महिलाएं चुनाव लड़ेंगी. केवल लड़कियों की यह काउंसिल वयस्क गांव वर्जन के समानांतर चलेगी और गांव में किशोर लड़कियों और महिलाओं से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगी.
आठ प्रत्याशी हैं चुनावी मैदान में
सोमवार को होने वाले चुनाव में करीबी मुकाबला है. रैलियों, डोर-टू-डोर प्रचार और वॉटर्स मीटिंग के साथ पूरे गांव ने चुनावी मोड में कमर कस ली है. परिणाम भी इसी दिन घोषित किया जाना है.
सरपंच पद के लिए आठ प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से चार ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. मुकाबला अब भारती गरवा ( 20) रुबीना नोड (19) त्रुशाली सुथार, (20) और अफसाना सुमरा (17) के बीच है. इनमें से हर उम्मीदवार गांव के मतदाताओं को समझाने में व्यस्त है कि उन्हें सरपंच के रूप में वोट क्यों दिया जाना चाहिए
भविष्य की महिला नेता को तैयार करने का विचार
गांव के सरपंच सुरेश छंगा के मुताबिक “चुनी हुई लड़कियां उन योजनाओं को लागू करेंगी जो गांव में लड़कियों और महिलाओं के मुद्दों को एड्रेस करेंगी. हमारा आइडिया भविष्य की महिला नेताओं को तैयार करना है.”