चंडीगढ़: लुधियाना (Ludhiana Blast) में हुए विस्फोट पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) के आज के बयान ने विपक्षी भाजपा और अकाली दल को मुद्दा दे दिया है. जिस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अदालत में हुए विस्फोट, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच घायल हो गए, को नशीली दवाओं के विवाद से जोड़ा है, जिसमें राज्य के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बयान देते हुए कहा था कि जब से हमने ड्रग्स के मुद्दे पर कार्रवाई शुरू की है, तब से इस तरह घटनाएं हो रही हैं, पहले स्वर्ण मंदिर में बेअदबी, फिर कपुर्थला में. वहीं आज मोहाली में कोर्ट में सुनवाई के दौरान विस्फोट हुआ.
बता दें कि मोहाली में अदालत की सुनवाई को बिक्रम मजीठिया के संदर्भ में देखा जा रहा है, जो अग्रिम जमानत की मांग कर रहे हैं. उन्हें उनकी संपत्ति या वाहन के उपयोग के माध्यम से नशीली दवाओं की तस्करी करवाने, दवाओं के वितरण या बिक्री के वित्तपोषण और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा कि हम पंजाबियों ने बहुत कुछ देखा है. हमने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी. हमने उग्रवाद भी देखा है. इसलिए यह कोई बड़ी घटना नहीं है. लेकिन हम इसे नियंत्रित करेंगे. किसी को भी राज्य की शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
उधर, सीएम के बयान को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने निशाना साधा और कहा कि बिना किसी जांच के एक अकाली नेता के खिलाफ एफआईआर, विस्फोटों, बेअदबी की घटनाओं के बीच संबंध बनाने की कोशिश करके निष्कर्ष पर पहुंचना न मुख्यमंत्री के लिए न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि बेहद गैर जिम्मेदाराना भी है. मुख्यमंत्री को तथ्यों के साथ बोलना चाहिए, न कि राजनीतिक बयानबाजी के साथ, ऐसा न हो कि यह असली दोषियों और अपराधियों को जमानत दे दे.
उन्होंने मजीठिया के खिलाफ मामले की आलोचना करते हुए कहा कि यह कानूनी रूप से मजबूत भी नहीं है. मैं जो समझता हूं वह यह है कि हम मजीठिया की गिरफ्तारी को दिखाकर इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह एक ऐसा देश है, जिसका संविधान है, इसका कानून है. क्या आपको लगता है कि चार साल तक हमने जांच नहीं की? आप लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकते (जांच और सबूत के बिना). वे मुझसे पकड़ने के लिए कह रहे थे, बादल, मजीठिया को सलाखों के पीछे भेजो. एक आदमी को गिरफ्तार करने और उस पर मुकदमा चलाने के लिए आपके पास पर्याप्त सबूत होने चाहिए.
अकाली दल के प्रवक्ता डॉ दलजीत सिंह चीमा ने मुख्यमंत्री पर नए निचले स्तर की राजानीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य की बागडोर एक ऐसे व्यक्ति के हाथों में है जो पंजाब की शांति भंग करने के उद्देश्य से हाल के मामलों में अपने हाथ की जांच करने से इनकार करके राष्ट्र विरोधी एजेंसियों के हाथों में खेल रहा है. इसके लिए अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस तरह के बयानों से केवल उन अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को मदद मिलेगी जो इन अमानवीय घटनाओं के पीछे हैं.