उत्तर प्रदेश के कानपुर से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां ऑनलाइन सट्टे के शौक ने एक छात्र की जान ले ली. छात्र के माता-पिता उसे डॉक्टर बनते देखना चाहते थे. इसके लिए वो उसे कोचिंग भी दिलवा रहे थे. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका बेटा ऑनलाइन सट्टा खेलने लग जाएगा. और एक दिन उसका यही शौक उसकी जान भी ले लेगा. दरअसल, यहां कोचिंग मंडी में पढ़ने वाले छात्रा ने ऑनलाइन सट्टे में पैसा हारने के बाद आत्महत्या कर ली.
मामला कानपुर के काकादेव इलाके का है. नवनीत शाक्य नामक छात्र यहां एक हॉस्टल में रहकर NEET की कोचिंग ले रहा था. उसके चाचा भी उसी के साथ यहां रहकर सरकारी नौकरी के लिए कोचिंग ले रहे थे. चाचा-भतीजा हॉस्टल के एक ही कमरे में रह रहे थे. शुक्रवार को जब नवनीत के चाचा किसी काम से बाहर गए तो पीछे से उसने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया.
चाचा वापस लौटकर दरवाजा खटखटाने लगे. लेकिन नवनीत ने दरवाजा नहीं खोला. तब उन्हें अनहोनी का शक हुआ. अन्य छात्रों के साथ मिलकर उन्होंने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो देखा कि नवनीत फांसी के फंदे से लटका हुआ है. तुरंत उसे उतारकर वे लोग अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन डॉक्टरों ने नवनीत को मृत घोषित कर लिया. तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी गई. मौके से पुलिस को सुसाइड नोट मिली है.
इसमें नवनीत ने लिखा कि उसे ऑनलाइन सट्टे की लत लग गई थी. पहले वो इसमें 500 रुपये हारा. जिसके बाद उसने दोस्तों से उधार लेकर सट्टा खेला. ऐसा करते-करते वो नौ हजार रुपये हार गया. उसे ऊपर दोस्तों का उधार हो गया था. वो घर से पैसे भी नहीं ले सकता था. उसकी सट्टे की लत भी नहीं छूट रही थी. इसलिए तंग आकर उसने जीवनलीला समाप्ट कर ली. सुसाइड नोट में नवनीत ने लिखा, ”मम्मी-पापा मैं एमबीबीएस डॉक्टर नहीं बन पाया मुझे माफ कर देना. मैंने अपने दोस्तों से रुपए उधार लेकर सट्टा खेला था जिसमें मेरा नुकसान हुआ. आप लोग मेरे दोस्तों को उनके पैसे लौटा देना.” स्वरूप नगर के एसीपी शिखर ने बताया कि नवनीत के शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसे परिजनों को सौंप दिया गया है. मामला आत्महत्या का है. मृतक के दोस्तों से पूछताछ की जा रही है.
बता दे कि कुछ दिन पूर्व अरमापुर थाना क्षेत्र में भी ऑनलाइन गेम में रुपए हारने के बाद इंटरमीडिएट के छात्र ने सुसाइड कर लिया था. विशेषज्ञों के मुताबिक, युवा तेजी से ऑनलाइन गेम और सट्टे के शौकीन होते जा रहे हैं, जो कि कहीं न कहीं उनके जीवन पर भारी पड़ता जा रहा है. फिलहाल डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि छात्र के मोबाइल व अन्य चीजों की जांच की जा रही है फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर विधिक कार्यवाई की जाएगी.