लखनऊ: Kargil Vijay Diwas News: कारगिल पर दुश्मन पर विजय की दास्तां आज भी हमारी जुबान पर हैं औऱ 26 जुलाई को देश कारगिल विजय (Kargil Victory) में शहीद जवानों को याद कर उन्हें नमन कर रहा है. कारगिल के इन्हीं नायकों (Kargil Heroes) में यूपी के कैप्टन मनोज पांडे (Captaim Manoj Pandey) भी थे, जिन्होंने दुर्गम चोटियों पर दुश्मन के दांत खट्टे किए थे. कैप्टन मनोज पांडे के पिता गोपीचंद पांडे ने अपने जांबाज बेटे की वीरता की याद करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध दुनिया के सबसे कठिन युद्ध में से एक थे, जो ऊंची दुर्गम चोटियों पर लड़ा गया था. लेकिन भारतीय लड़ाकों ने पूरी बहादुरी के साथ दुश्मन को उस इलाके से खदेड़ दिया और ऊंची चोटियों पर दोबारा तिरंगा लहरा दिया.
गोपीचंद ने एएनआई से बातचीत में कहा, उन्हें अपने पुत्र पर गर्व है, जिसमें सेना में रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया. उसने अपनी मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया और सबके लिए प्रेरणास्रोत बन गया. रुंधे गले से बेटे को याद करते हुए उन्होंने कहा, उसने पूरे देश को गर्वान्वित करने का काम किया है. यूपी के सैनिक स्कूल का नाम शहीद मनोज पांडे के नाम पर किए जाने पर उन्होने खुशी जताई.
1999 के कारगिल युद्ध (1999 Kargil war) को याद करते हुए पांडे ने कहा कि हालात बेहद खराब थे, आतंकियों ने ऊंची चोटियों पर बंकर बना लिए थे. इन्हीं ऊंची चोटियों से वो दुश्मन पर हमला कर रहे थे, लेकिन हमारे बहादुर जवानों ने जान की परवाह न करते हुए इंच-इंच जमीन वापस ले ली. इस जंग में सेना के 527 जांबाज शहीद हुए.
शहीद के पिता ने यह भी भरोसा जताया कि भारतीय सेना ( Indian Army) में दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना करने का माद्दा है.हमारी सेना की मुस्तैदी और निर्भीकता के कारण ही हम रात को चैन की नींद सो पाते हैं.