नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने एक बड़ी राहत देते हुए सभी अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में वृद्धि की है. दिल्ली सरकार की तरफ से शुक्रवार को जारी किए गए एक ऑर्डर में सभी अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और दूसरे श्रमिकों के लिए महंगाई भत्ते में वृद्धि की गई है. यह वृद्धि 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगी.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “ये कदम गरीब और मजदूर वर्ग के हित में उठाए गए हैं, जो मौजूदा महामारी के कारण काफी परेशान है. इस ऑर्डर से लिपिक और सुपरवाइजर वर्ग की नौकरी वाले कर्मचारियों को भी फायदा होगा.” उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के जो लोग न्यूनतम मजदूरी पर कार्यरत हैं उन्हें महंगाई भत्ते से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. इसलिए महंगाई भत्ते को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम मजदूरी की संशोधित दरों की घोषणा की गई है.
इतना बढ़ाया गया वेतन
दिल्ली सरकार ने कहा कि महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के साथ अकुशल मजदूरों का मासिक वेतन 15,492 रुपये से बढ़ाकर 15,908 रुपये, अर्धकुशल श्रमिकों का वेतन 17,069 रुपये से बढ़ाकर 17,537 रुपये और कुशल मजदूरों के लिए यह अब 18,797 रुपये से बढ़ाकर 19,291 रुपये किया गया है.
सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में भी वृद्धि
इसके अलावा सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग के कर्मचारियों के लिए भी न्यूनतम वेतन में वृद्धि की गई है. गैर-मैट्रिक कर्मचारियों के लिए मासिक वेतन 17,069 रुपये से बढ़ाकर 17,537 रुपये और मैट्रिक के कर्मचारियों के लिए 18,797 रुपये से बढ़ाकर 19,291 रुपये कर दिया गया है. ग्रेजुएट और उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले लोगों के लिए मासिक वेतन 20,430 रुपये से बढ़ाकर 20,976 रुपये कर दिया गया है.
दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमतें बढ़ी
सिसोदिया ने कहा कि हालांकि हमें सरकार के कई खर्चों में कटौती करनी पड़ी है, लेकिन मजदूर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि महामारी के कारण समाज का हर वर्ग प्रभावित हुआ है. तेल और दाल जैसी दैनिक उपभोग की वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में दूसरे राज्यों की तुलना में मजदूरों को सबसे ज्यादा न्यूनतम वेतन मिल रहा है. न्यूनतम वेतन में इस बढ़ोतरी से करीब 55 लाख कॉन्ट्रैक्चुअल वर्कर्स को फायदा होगा.