लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पुलिस द्वारा मंगलवार शाम को जारी की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट के अनुसार, “लखीमपुर खीरी में विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचलना केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और उनके बेटे की एक सुनियोजित साजिश थी.” किसानों की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने लखीमपुर खीरी में विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों की सभा में पहुंचकर उन पर फायरिंग की थी, जिसमें एक किसान की मौत हो गई थी.
प्राथमिकी में हत्या और लापरवाही के आरोप में नामित आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी अभी बाकी है. इस बीच, पुलिस ने कहा है कि “किसानों के साथ बातचीत, पोस्टमॉर्टम और दाह संस्कार” सहित कई मुद्दों में व्यस्त होने की वजह से गिरफ्तारी में देरी हुई है.
किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी में कहा गया है कि वे रविवार को शांतिपूर्ण काले झंडे लेकर विरोध कर रहे थे, ताकि केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य के क्षेत्र का दौरा बाधित हो जाए.
FIR में कहा गया है कि “दोपहर 3 बजे के करीब ये घटना तब हुई, जब आशीष मिश्रा अपने तीन वाहनों के साथ 15-20 पुरुषों के साथ हथियारों से लैस होकर बनवारीपुर सभा स्थल की ओर बढ़े. आशीष अपनी थार महिंद्रा गाड़ी में बाईं ओर बैठे थे, वहीं से उन्होंने भीड़ पर गोली चलाई. तभी उनका वाहन लोगों में जा घुसा. गोलीबारी में किसान सुखविंदर सिंह के 22 वर्षीय बेटे गुरविंदर की मौत हो गई.”
प्राथमिकी में कहा गया है कि मंत्री के बेटे की गाड़ी ने “सड़क के दोनों ओर” किसानों को भी कुचल दिया, जिसके बाद चालक ने नियंत्रण खो दिया और गाड़ी खाई में लुढ़क गई, जिससे कई लोग घायल हो गए. प्राथमिकी में कहा गया है कि इसके बाद मंत्री का बेटा, गाड़ी से उतर गया और अपनी बंदूक से फायरिंग करते हुए गन्ने के खेत में भाग गया.
इस कथित हमले में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जिससे उग्र किसानों ने हिंसा और आगजनी की थी. हिंसा में तीन और लोगों की जान चली गई. शुरू में मरने वाले लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण चोट, सदमा और ब्रेन हैमरेज बताया गया है.
कई दिनों की बातचीत के बाद बनी सहमति पर पुलिस ने कथित बंदूक की गोली का शिकार हुए किसान का मंगलवार को दूसरी बार पोस्टमॉर्टम कराने के बाद दोपहर तीन शवों का अंतिम संस्कार करवा दिया. इससे पहले ये किसान दिल्ली के किसी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराने की मांग पर अड़े हुए थे लेकिन सहमति के अनुसार पोस्टमार्टम बहराइच में कराने पर तैयार हो गए. हालांकि, ये परीक्षण लखनऊ के डॉक्टरों द्वारा की गई.
केंद्र में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे ने इस बात से इनकार किया है कि वे मौके पर थे. मंत्री ने हालांकि स्वीकार किया है कि वाहन उन्हीं का है. घटना के बाद, उन्होंने कहा था कि कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई क्योंकि लोग काफिले पर पथराव कर रहे थे, जिससे चालक द्वारा वाहन पर नियंत्रण खोने की संभावना का संकेत मिलता है. उन्होंने बताया कि वाहन के पलटने से लोग कुचले गए.
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो और कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा और बीजेपी सांसद वरुण गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं द्वारा ट्वीट किए वीडियो में साफ दिख रहा है कि एक एसयूवी प्रदर्शनकारियों के एक समूह में पीछे से घुसकर कई को कुचल रही है.