निघासन कांड में सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद एडीजे पॉक्सो राहुल सिंह ने दो दोषी अभियुक्तों जुनैद व सुनील उर्फ छोटू को आजीवन कारावास व 46- 46 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। सजा सुनते ही आरोपित के परिवार वाले बिलख- बिलख कर रोने लगे।
14 सितंबर 2022 को थाना निघासन क्षेत्र में एससी जाति की नाबालिग दो सगी बहनों का अपहरण कर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या कर पेड़ से लटका देने का जघन्य अपराध किया था। घटना की रिपोर्ट थाना निघासन में मृतक किशोरियों की मां की तहरीर पर छोटू व तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ अपहरण के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था।
एसआईटी ने मामले की विवेचना करते हुए आरोपित जुनैद, सुनील उर्फ छोटू, करीमुद्दीन, आरिफ उर्फ छोटे, सुहेल व हफीजुर्रहमान के खिलाफ घर में घुसकर अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, मारपीट व पॉक्सो के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था।
अभियोजन पक्ष ने मुकदमे के समर्थन में 15 गवाह, 24 दस्तावेजी सबूत व 40 वस्तुओं को बतौर सबूत पेश किया गय। सबूतों के आधार पर आरोप सिद्ध हो जाने पर 11 अगस्त को चार अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया था। सोमवार को सुबह सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई। दोपहर बाद एडीजे पॉक्सो राहुल सिंह ने दोषी अभियुक्त जुनैद व सुनील उर्फ छोटू को आजीवन कारावास, (जिंदगी की अंतिम सांस तक) व 46 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। आरिफ उर्फ छोटे व करीमुद्दीन को छह साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई।