प्रयागराज: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में फैलाए जा रहे एक बड़े झूठ का पर्दाफाश हो गया है। नरेंद्र गिरि का सुसाइड लेटर आने के बाद ये दावा किया गया था कि महंत नरेंद्र गिरि पढ़े-लिखे नहीं हैं उनको लिखना ही नहीं आता था लेकिन मीडिया में चली एक खबर के मुताबिक नरेंद्र गिरि के हाई स्कूल का सर्टिफिकेट मिला है। इस सर्टिफिकेट के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि ने हाई स्कूल की परीक्षा सेकंड डिविजन से पास की थी। इस सर्टिफिकेट से ये साफ है कि नरेंद्र गिरि पढ़े-लिखे थे।
महंत नरेंद्र गिरि के मामा का खुलासा
नरेंद्र गिरि के मामा प्रोफेसर महेश सिंह ने एक मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में बताया है कि नरेंद्र गिरि के ख़िलाफ़ फैलाए जा रहे झूठ की पोल खोली। उन्होंने बताया कि नरेंद्र गिरि ने 1978 में सेकंड डिविजन से हाई स्कूल पास की थी। इसके बाद 1979-80 में कोऑपरेटिव बैंक में नौकरी की। वह जौनपुर जिले में कोऑपरेटिव बैंक में क्लर्क की पोस्ट पर काम करते थे। उन्होंने बताया कि नरेंद्र गिरि ने अपने परिवार को कभी पैसा नहीं दिया।
बता दें कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की या उनकी हत्या हुई इसे लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। निरंजनी अखाड़े के आचार्य कैलाशानंद ने कहा था कि महंत नरेंद्र गिरि की हत्या की गई है और जिस सुसाइड नोट की बात हो रही है वो साजिश नोट है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र गिरि बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे और काफी मुश्किल से दस्तखत कर पाते थे। ऐसे में ये नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट नहीं हो सकता। वहीं अब उनके हाई स्कूल सर्टिफिकेट से ये बात साफ हो गई है कि महंत पढ़े-लिखे थे।
प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि को कल भू-समाधि दे दी गई। जिस मठ में रहकर महंत नरेंद्र गिरि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हुए उसी बाघम्बरी मठ में नरेंद्र गिरि को भू-समाधि दी गई। निरंजनी अखाड़े के विधि-विधान से मठ के सैकड़ों साधुओं ने महंत नरेंद्र गिरि को अंतिम विदाई दी। उनके पार्थिव शरीर को समाधि के लिए खोदे गए बड़े गड्ढे में रखा गया और फिर पुष्प वर्षा के बीच उन्हें भू-समाधि दी गई।
इस बीच यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महंत नरेंद्र गिरि सुसाइड मामले की जांच CBI से कराने की सिफारिश की है। इस बात की जानकारी गृह विभाग ने दी। गृह विभाग ने ट्वीट किया, “प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरि जी की दुःखद मृत्यु से जुड़े प्रकरण की मा. मुख्यमंत्री जी के आदेश पर सी.बी.आई. से जाँच कराने की संस्तुति की गई।”