मथुरा. वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) के कपाट 6 माह 25 दिन बाद श्रद्धालुओं के लिए शनिवार से खुले थे. इस दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. पुलिस उपाधीक्षक रमेश चंद तिवारी ने कहा, ‘महामारी के बीच मंदिर के बाहर भीड़ के लिए सही निर्णय नहीं लेने वाले मंदिर के अधिकारी जिम्मेदार हैं.’ उधर, मंदिर प्रबंधक मनीष शर्मा ने कहा कि मंदिर परिसर में ऑनलाइन पंजीकरण के बाद सीमित लोगों के प्रवेश को अनुमति देने का फैसला किया गया था, लेकिन ऑनलाइन प्रणाली में कुछ दिक्कत आ गई, जिसे ठीक किया जा रहा है. दरअसल शनिवार को नवरात्रि का पहला दिन था. इसी लिए मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखी गई.
उन्होंने बताया कि बांके बिहारी मंदिर को सोमवार से एक बार फिर बन्द किया जा रहा है. मंदिर प्रबंधक ने बताया, “प्रशासन और पुलिस की तरफ से सुझाव मिले हैं कि मंदिर में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की जाए. जैसे ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू हो जाएगी, मंदिर फिर से खोला जाएगा.
भले ही कोरोना से बचाव के लिए मंदिर प्रबंधन ने पूरे इंतजाम कर रखे हों लेकिन इस बीच शनिवार को बांके बिहारी मंदिर के गेट के बाहर गलियों में श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखने को मिली. वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं. कोरोना काल में मंदिर के बाहर जो तस्वीर देखने को मिली वो परेशान करने वाली थी. बता दें कि कोरोना काल में 22 मार्च से वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए थे.