देश के इन पांच राज्यों पर मायावती की नजर, बोलीं- ‘महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी पर ध्यान देने की जरूरत’

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने देश के अलग-अलग राज्यों में पार्टी संगठन को गति और मजबूती देने के क्रम में आज गुजरात (Gujarat), महाराष्ट्र (Maharashtra), कर्नाटक (Karnataka), तमिलनाडु (Tamil Nadu) और केरल (Kerala) के पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक की. इस बैठक में मायावती ने वहां कि, राजनीतिक, जातीय और साम्प्रदायिक हालात समेत चुनावी तैयारियों और पार्टी संगठन समेत जनाधार को बढ़ाने के बारे में गहन समीक्षा की. साथ ही किन कार्यों में गति प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश दिए.

मायावती ने इस दौरान इन पांच राज्यों में मिशनरी सोच वालों पर ज्यादा भरोसा करने की नसीहत दी है. इसके अलावा, उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर (B. R. Ambedkar) की खास कर्मस्थल होने के कारण महाराष्ट्र राज्य के लोगों उनके मानवतावादी मूवमेंट के प्रति विशेष जिम्मेदारी बनती है जिसको समझकर आगे बढ़ने की जरूरत पर मायावती ने बल दिया.

बीएसपी ही है एक विकल्प- मायावती

इसके अलावा देश के बिगड़ते राजनीति, आर्थिक, सामाजिक, साम्प्रदायिक हालात का फीडबैक लेने के बाद मायावती ने कहा कि, ऐसे वक्त में  राजनीति में घोर स्वार्थी, जातिवादी, साम्प्रदायिक व आपराधिक तत्वों का चरम काफी बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगों को व्यापिक जनहित, सामाजिक समेत आर्थिक उन्नति के लिए बीएसपी ही एक मात्र विक्लप बचा है. 

मायावती ने आगे कहा कि, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात समेत अन्य राज्यों में तो इसकी खास जरूरत दिखती है. यूपी सरकार पर मायावती पर जमकर निशाना साधा है. पिछले दिनों ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर चल रहे विवाद को लेकर टिप्पणी करते हुए मायावती ने कहा, ट्रांसफर पोस्टिंग नया धंधा बन कर उभरा है जिसका खुलासा खुद सरकार को करना पड़ा. इस पर तंज कसते हुए मायावती ने कहा कि, खुलासा तो खुद किया लेकिन अब बड़ी मछलियों को बचाने की कोशिश में जुटी है. 

यूपी सरकार पर मायावती का वार

उन्होंने कहा कि, यूपी की बीजेपी सरकार में जातिवाद, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार और नेताओं की आपसी घमासान से जवहित व विकास न जाने कब तक और कितना लंभा प्रभावित होता रहेगा. मायावती ने कहा कि, इनके विकास के दावे का ये हाल है कि नया बहुचर्चित बुन्देलखंड एक्सप्रेसवे चार दिन में ही धंस जाना खास चर्चा में हैं.

Related posts

Leave a Comment