नई दिल्ली: रेलवे ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले नौ महीनों में रखरखाव कारणों से 35,000 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया गया है. राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने यह भी बताया कि 2021-22 की अप्रैल से जून तिमाही के दौरान, “रखरखाव कारणों” के कारण 20,941 ट्रेनों को रद्द किया गया था, वहीं अगली तिमाही में 7,117 ट्रेनों को रद्द किया गया और अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में 6,869 ट्रेनें रद्द की गईं. मध्य प्रदेश के चंद्रशेखर ग्वार ने आरटीआई अर्जी दाखिल कर रेलवे से यह जानकारी मांगी थी. अधिकारियों ने संकेत दिया कि इतिहास में इस तरह के रद्दीकरण की सबसे अधिक संख्या 2019 में थी, जब लगभग 3,146 ट्रेनों को रखरखाव के काम के कारण रद्द कर दिया गया था.
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि साल 2014 में रखरखाव के काम के कारण 101 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था और 2017 में 829 ट्रेनें रद्द की गईं थीं. इसके बाद साल 2018 में 2,867 ट्रेनें और साल 2019 में 3,146 ट्रेने रखरखाव के काम के कारण रद्द की गईं.
एक अधिकारी ने कहा, “इससे पता चलता है कि लंबे समय से लम्बित जर्जर पटरियों पर कितना काम करना बाकी है.” हालांकि इस आरटीआई से यह स्पष्ट नहीं है कि जब पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच इन ट्रेनों को रद्द किया गया था, तब इससे कितने यात्री प्रभावित हुए थे. आरटीआई से यह भी खुलासा हुआ है कि इस दौरान 40 हजार से ज्यादा ट्रेनें लेट हुईं.
रेलवे ने साल 2020 में कोविड महामारी के कारण अपनी सभी सामान्य यात्री सेवाओं को निलंबित कर दिया था और वर्ष के दौरान केवल विशेष ट्रेनें चलाई थीं. इसके बाद रेलवे ने पिछले साल नवंबर में अपना परिचालन फिर से शुरू किया. आरटीआई के जवाब में रेलवे ने कहा है कि अप्रैल से दिसंबर 2021 तक 15,199 मेल या एक्सप्रेस ट्रेनें देरी से चलीं, जबकि इसी अवधि के दौरान 26,284 यात्री ट्रेनें देरी से चलीं, इस तरह की देरी से चलने वाली ट्रेनों की कुल संख्या 41,483 रही.
आरटीआई से यह भी पता चलता है कि रेलगाड़ियों के सामान्य परिचालन फिर से शुरू होने के बाद से रेलवे का समयपालन प्रदर्शन खराब रहा है. अप्रैल से जून तिमाही के दौरान, जब रेलवे केवल विशेष ट्रेनें चला रहा था, 7,050 ट्रेनें रद्द कर दी गईं और समयपालन का प्रदर्शन लगभग 94 प्रतिशत था. जुलाई से सितंबर तिमाही में 14,249 ट्रेनें देरी से चलने से यह 92 प्रतिशत तक गिर गया. वहीं अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान ट्रेन संचालन सामान्य होने के दौरान 20,184 ट्रेनों के विलंब से प्रदर्शन 89 प्रतिशत तक गिर गया. तथ्य यह है कि सबसे ज्यादा पेसेंजर ट्रेनें अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में देरी से चलीं. इस दौरान 15,334 ट्रेनें लेट हुईं.