लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 24 जिलों के 605 गांव बाढ़ (UP Flood) से प्रभावित हैं. दक्षिणी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, बांदा और जालौन सर्वाधिक प्रभावित जिले हैं, जहां बाढ़ का भीषण कहर देखने को मिल रहा है. मध्य उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में 67 गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में 110 गांव पूरी तरह बाहरी दुनिया से कट चुके हैं. प्रयागराज, गाजीपुर और बलिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यमुना भी पांच जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है पिछले 24 घंटे में प्रयागराज में 12 गुना अधिक वर्षा हुई है पिछले 24 घंटे में समूचे उत्तर प्रदेश में 154 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है उत्तर प्रदेश में व्यापक वर्षा और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण कई नदियां उफान पर हैं और राज्य में 24 जिलों के 600 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल बाढ़ से प्रभावित जालौन और हमीरपुर के सैलाबग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य के निर्देश दिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के अनुसार, राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के हमीरपुर, बांदा, इटावा, जालौन, वाराणसी, कौशांबी, चंदौली, हाजीपुर, औरैया, कानपुर देहात, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, आगरा, बलिया, मिर्जापुर, गोरखपुर, सीतापुर, मऊ, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बहराइच, गोंडा, कानपुर नगर और फतेहपुर के 605 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.
हमीरपुर के सबसे ज्यादा 75 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इसके अलावा, बांदा के 71 तथा इटावा और जालौन के 67-67 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है. प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 110 गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है.
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, व्यापक वर्षा के कारण गंगा, यमुना, शारदा, बेतवा तथा क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंगा नदी कचला ब्रिज (बदायूं), फाफामऊ (प्रयागराज), प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर तथा बलिया में खतरे के निशान को पार कर गई है और बलिया को छोड़कर बाकी स्थानों पर इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है