दिल्ली में जल्द कराए जा सकते हैं नगर निगम चुनाव, एमसीडी वार्डों की संख्या घटकर 250 हुई

दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के एकीकरण के बाद अब एमसीडी में कितने वार्ड होंगे? इसको लेकर तस्वीर साफ हो गई है. दरअसल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एमसीडी में वार्डों की संख्या 250 निर्धारित किए जाने की मंजूरी दे दी है. एमसीडी चुनाव कराए जाने को लेकर राज्य चुनाव आयोग ने वोटों की संख्या निर्धारित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था. जिसका जवाब देते हुए मंत्रालय की तरफ से वार्डों की संख्या 250 निर्धारित कर दी है.

गृह मंत्रालय की ओर से एमसीडी में 250 वार्ड निर्धारित किए गए हैं. निगम के एकीकरण से पहले दिल्ली में 272 वार्ड थे. लेकिन अब इनकी संख्या 250 कर दी गई है. यानी 22 वार्डों को कम किया गया है. जिसके बाद प्रत्येक विधानसभा में 3-3 वार्ड होंगे. हालांकि, जिस विधानसभा की सीमा और जनसंख्या ज्यादा है उस विधानसभा में वार्डों की संख्या तीन से अधिक हो सकती है. इसके साथ ही गुरुवार यानी 28 जुलाई को राज्य चुनाव आयोग ने परिसीमन आयोग के साथ एक बैठक भी की है, जिसमें की आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गयी है.

पहले हर एक विधानसभा में चार वार्ड थे
गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम के एकीकरण से पहले हर एक विधानसभा में करीब-करीब 4 वार्ड थे और कुछ विधानसभाओं में वार्डों की संख्या तीन थी. इसी साल मई महीने में निगम के एकीकरण के बाद वार्डों के परिसीमन के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने परिसीमन आयोग का गठन किया है. जिसके बाद गृह मंत्रालय ने परिसीमन आयोग को 250 वार्ड निर्धारित किए जाने की अनुमति दे दी है. अब परिसीमन आयोग ने इसको लेकर काम शुरू कर दिया है. जिसमें वार्डों की मैपिंग और जनसंख्या के आधार पर परिसीमन का काम शुरू किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक आयोग ने इसके लिए कर्मचारियों की नियुक्ति भी की है. आयोग के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने परिसीमन को लेकर अगले चार महीने में रिपोर्ट मांगी है, जिसको लेकर परिसीमन आयोग अपना काम कर रहा है.

250 वार्ड बनाने की अनुमति
वहीं जब दिल्ली में तीनों निगम का एकीकरण किया गया तो संशोधित कानून के मुताबिक वार्डों की अधिकतम संख्या 250 तय की गई थी. ऐसे में गृह मंत्रालय ने परिसीमन आयोग को दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए 250 वार्ड बनाने की अनुमति दे दी है. वहीं किस विधानसभा में कितने वोट होंगे, यह जनगणना और उस विधानसभा के क्षेत्रफल पर निर्भर करेगा. यदि किसी विधानसभा का क्षेत्रफल ज्यादा है या जनसंख्या ज्यादा है, तो उस विधानसभा में अधिकतम 5 वार्ड हो सकते हैं. हालांकि, हर एक विधानसभा में कम से कम 3 वार्ड बनाए जाएंगे.

महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित 
विधानसभा में वार्डों की संख्या निर्धारित करने के लिए साल 2011 की जनगणना के आधार पर काम किया जाएगा. 2011 की जनगणना के मुताबिक दिल्ली की आबादी 1 करोड़ 67 लाख है. हर एक वार्ड में 65 से 67 हज़ार आबादी होगी. इसके साथ ही अधिकारियों के मुताबिक निगम में कुछ वार्ड अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भी किए जाते हैं. इसके अलावा 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए भी आरक्षित होती हैं. इसी आधार पर हर एक विधानसभा में वार्ड आरक्षित किए जाएंगे. इसके साथ ही दिल्ली की 70 विधानसभाओं में से 68 विधानसभाओं में वार्ड बनाएं जायंगे. परिसीमन आयोग वार्ड बनायेगा जिसके लिए मैपिंग की जाएगी और मैपिंग के लिए दिल्ली सरकार के भू स्थानिक दिल्ली लिमिटेड (जीएसडीएल) से भी संपर्क किया है.

तीन नगर निगम को एकीकृत किया गया
बता दें कि राजधानी दिल्ली में अब दिल्ली नगर निगम  चुनाव होने को लेकर रास्ता साफ होता हुआ नजर आ रहा है. वार्ड की संख्या निर्धारित होने के बाद परिसीमन आयोग हर एक विधानसभा में कितने वोट होंगे, यह तय करेगा. सभी विधानसभाओं में बोर्ड तय होने के बाद दिल्ली नगर निगम चुनाव होने का रास्ता लगभग साफ हो जाएगा. इससे पहले साल 2016 में दिल्ली में परिसीमन हुआ था. वार्डों की संख्या तय की गई थी, लेकिन तब निगम को तीन भागों में विभाजित किया गया था. मौजूदा समय में तीन नगर निगम को एकीकृत किया गया है. इसी साल मई के महीने में दिल्ली नगर निगम अस्तित्व में आई है. जिसके बाद निगम में 272 वार्ड से घटाकर इनकी संख्या 250 कर दी गई है.

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