Mundra Port Drug Case: गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से बरामद ड्रग्स के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने आज चेन्नई और विजयवाड़ा समेत अनेक स्थानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान अनेक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और अन्य सामान जब्त किए गए हैं. ध्यान रहे कि केंद्र सरकार के मामले पर निर्देश पर यह मामला जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया था. माना जा रहा है कि ड्रग्स की इतनी बड़ी जब्ती नारको टेररिज्म से जुड़ी हुई है. यही कारण है कि इस मामले को जांच के लिए एनआईए को सौंप दिया गया है. जांच एजेंसी को शक है कि इस मादक पदार्थ को बेचने के बदले जो पैसा मिलना था उसका कुछ भाग आतंकवादी गतिविधियों में भी संभवत प्रयोग किया जाना था.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया कि डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस डीआरआई ने गुजरात के मुंद्रा पोर्ट से एक कंटेनर में 2998 किलोग्राम ड्रग्स कथित तौर पर पकड़ा था. आरंभिक जांच के दौरान पता चला था कि मादक पदार्थों की यह खेप अफगानिस्तान से अफगानिस्तान से पाकिस्तान होती हुई ईरान के बंदरगाह अब्बास एयरपोर्ट के जरिए गुजरात भेजी गई थी. दस्तावेजों में बताया गया था कि इस कंटेनर में टेलकम पाउडर है जबकि जांच के दौरान कंटेनर में मादक पदार्थ बरामद हुआ.
एनआईए के एक आला अधिकारी के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान यह पता चला है कि आरोपियों ने मादक पदार्थ को छुपाने के लिए टेलकम पाउडर की बोरियां उस पर डाल दी थीं. लिहाजा उसके रेशे टेलकम पाउडर में भी आ गए थे. जल्द ही केमिकल जांच के जरिए यह पता लगा लिया जाएगा कि वास्तव में कितना ड्रग इस कंटेनर के जरिए भारत लाया गया था.
एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक, अब तक की जांच के दौरान जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उन सभी से पूछताछ की जाएगी और यह जानने की कोशिश की जाएगी कि आखिर इतनी बड़ी मादक पदार्थ सप्लाई के तार किन-किन लोगों से जुड़े हुए हैं और अफगानिस्तान से किस शख्स के जरिए यह मादक पदार्थ खरीदा गया था. साथ ही यह पता लगाने की भी कोशिश की जा रही है कि कहीं इस मादक पदार्थ को बेचने के बदले मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों में तो नहीं किया जाना था. एनआईए ने इस मामले में एनडीपीएस की धाराओं के अलावा आपराधिक षड्यंत्र और अनलॉफुल एक्टिविटी यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया है. मामले की जांच जारी है.