Import duty hike: सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 50 से ज्यादा प्रोडक्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफा कर सकती है. यह फैसला Elon Musk और Tesla India के लिए अच्छा नहीं होगा.
Import duty hike: एलन मस्क इंडियन ऑटो सेक्टर में एंट्री के लिए तैयार हैं. कर्नाटक के बेंगलुरू में कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ है. सरकार भी इलेक्ट्रिक व्हीकल को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. ऐसे में ऑटो इंडस्ट्री को Budget 2021 से काफी उम्मीदें हैं. हालांकि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि सरकार आयात शुल्क में इजाफा कर सकती है, जिससे एलन मस्क को गहरा झटका लग सकता है.
आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के मकसद से संभव है कि इस बजट में निर्मला सीतारमण 50 से ज्यादा आयातित होने वाले सामानों पर आयात शुल्क में 5-10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दें. इन सामानों की लिस्ट में स्मार्टफोन्स, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट, इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस जैसे सामान शामिल किए जा सकते हैं. पीएम मोदी लगातार वोकल फॉर लोकल की बात करते हैं. ऐसे में लोकल कंपनियों को मदद पहुंचाने के मकसद से यह फैसला लिया जा सकता है.
सरकार की कमाई पर भी बुरा असर
कोरोना के कारण सरकार की कमाई पर भी काफी बुरा असर हुआ है. ऐसे में अगर इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफा किया जाता है तो सरकार के खजाने में भी पैसे आएंगे. माना जा रहा है कि आयात शुल्क बढ़ाकर सरकार अडिशनल 20-21 हजार करोड़ का फंड इकट्ठा करना चाहती है. अगर ऐसा किया जाता है तो स्वीडन की फर्नीचर कंपनी IKEA और अमेरिकन इलेक्ट्रिक कार कंपनी Tesla India को गहरा धक्का पहुंच सकता है. इन दो कंपनियों ने पिछले दिनों ऊंचे आयात शुल्क को लेकर पहले भी शिकायत की है.
ऑटो सेक्टर को काफी उम्मीदें
ऑटो सेक्टर की बात करें तो यह सेक्टर बजट में टैक्स में लाभ के साथ-साथ नीतिगत मोर्चे पर भी राहत की उम्मीद कर रहा है. ऑटो सेक्टर में खासकर इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) को लेकर सरकार क्या फैसला लेती है, यह देखने वाली बात होगी. इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने को लेकर पिछले दिनों परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सरकार 15 साल से पुराने वालों को हटाने की योजना को जल्द ही मंजूरी देगी. सरकार ने 26 जुलाई 2019 को मोटर वाहन के नियमों में संशोधन का प्रस्ताव रखा था, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए 15 साल से पुराने वाहनों को सड़क से हटाया जा सके. उन्होंने कहा, ‘हमने प्रस्ताव पेश कर दिया है और मैं उम्मीद कर रहा हूं कि जल्द ही हमें स्क्रैपिंग नीति के लिए मंजूरी मिल जाएगी.’ इस नीति के तहत कार, ट्रक और बस जैसे 15 साल से पुराने वाहनों को सड़क से हटाने का प्रस्ताव है.
स्क्रैप पॉलिसी से ऑटो सेक्टर में आएगा सुधार
गडकरी ने कहा था कि इस नीति को मंजूरी मिलने के बाद भारत ऑटोमोबाइल का बड़ा केंद्र बन जाएगा और गाड़ियों की कीमतों में भी कमी आएगी. हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा लिया जाएगा. माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार vehicle scrappage policy लेकर आएगी. बता दें कि भारत की ऑटो इंडस्ट्री का सालाना टर्नओवर 4.5 लाख करोड़ रुपए है. इसमें 1.45 लाख करोड़ रुपए का निर्यात शामिल है. अगर इस दिशा में बजट में फैसला लिया जाता है तो इस सेक्टर में जान आ जाएगी.