भीषण ठंड के कहर में उत्तर भारत, 28 दिसंबर तक शीतलहर और कोहरे से राहत नहीं

दिल्ली: समूचा उत्तर भारत जबरदस्त ठंड की चपेट में है। उत्तर भारत में शीतलहर और कोहरे की वजह से जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। दिल्ली एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में तापमान गोते लगा रहा है। मंगलवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका था। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और बिहार में शीतलहर लोगों की परेशानी का सबब बन चुका है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 4 दिन यानि 28 दिसंबर तक ठंड और कोहरे से दूर दूर तक राहत नहीं है।

दिल्ली में भी सर्द रातों का सितम जारी है। दिसंबर का महीना ठंड के सारे रिकॉर्ड तोड़ रहा है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया था। यहां मंगलवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 5.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अभी ठंड से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। ठंड के साथ साथ कोहरे की मार भी दिल्ली को सहनी पड़ रही है। एहतियातन स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई है।

कोहरे से शहर में दृश्यता कम हो गई है और इससे ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुईं। उत्तरी रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर जा रही ट्रेनें तय समय से एक से छह घंटे की देरी से चल रही हैं। वहीं चेन्नई निजामुद्दीन दुरंतो छह घंटे देरी से चल रही है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 364 रहा, जो कि बेहद खराब की श्रेणी में आता है। अधिकारी ने बताया कि दिन में आसमान के अधिकतर साफ रहने और अधिकतम तापमान लगभग 14 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

कश्मीर में भी भीषण ठंड की स्थिति है जबकि श्रीनगर में मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई। मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर और लद्दाख में मंगलवार को न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दु से कई डिग्री कम रहा। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात रही और वहां न्यूनतम तापमान शून्य से चार डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।

मौसम विभाग ने अगले सप्ताह मौसम शुष्क रहने का अनुमान व्यक्त किया है। वर्तमान में कश्मीर ‘चिल्लाई-कलां’ की चपेट में है। यह 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दियों की अवधि है जब बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक और अधिकतम बर्फबारी होती है और तापमान में काफी गिरावट आती है। ‘चिल्लाई-कलां’ 21 दिसंबर से शुरू हो कर 31 जनवरी तक चलेगा लेकिन उसके बाद भी कश्मीर में शीत लहर जारी रहेगी।

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