फरीदाबाद : जिले में अब टीबी के हर मरीज के परिवार के सदस्य की बलगम की जांच होगी, ताकि पता चल सके कि अन्य सदस्य तो संक्रमित नहीं है। छाती का संक्रमण जानने की जरूरत पड़ने पर एक्सरे भी कराए जाएगे।
राष्ट्रीय संशोधित टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला टीबी यूनिट ने जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग हर टीबी मरीज के इलाज को गंभीरता से ले रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार हर वर्ष करीब आठ हजार मरीजों को टीबी की पुष्टि होती है। इनमें से चार फीसद मरीज ऐसे होते हैं, जो एक बार ठीक होने के बाद
दोबारा टीबी की चपेट में आ जाते हैं। बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। इसलिए पहले टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मरीज के परिवार में पांच वर्ष तक के बच्चों की स्वास्थ्य जांच होती थी। मगर अब हर सदस्य की जांच की जाएगी, ताकि संक्रमण का पता चलने पर समय पर इलाज शुरू किया जा सके। विभाग की कोशिश है कि टीबी का प्रकोप कम हो।
हम टीबी के हर मरीज के परिवार के सदस्यों को जागरूक भी कर रहे हैं। स्थिति को देखते हुए हर सदस्य की बलगम की जांच कराई जाएगी। इन दिनों सभी टीबी मरीजों को बुलाकर काउंसिलिग की जा रही है।
–डा. शीला भगत, टीबी नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी।