अब ज्यादातर सरकारी यातायात के साधनों में महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व होती हैं. लेकिन जब जनरल डिब्बे में महिलाओं के यात्रा करने की बात आती है तो तो वे बेहद कष्टकारी लगती है. क्योंकि महिलाओं को बच्चों के साथ जनरल डिब्बे की भिड़भाड़ में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
अगर महिला अकेले या बच्चों के साथ यात्रा कर रही हो तो जनरल डिब्बे में सुविधाजनक यात्रा उसके लिए आसान नहीं होती. लेकिन पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने जनरल डिब्बे में रेलयात्रा को महिला यात्रियों के लिए आसान और सुविधाजनक बनाने का फैसला किया है.
महिला यात्रियों को जनरल डिब्बे में यात्रा के दौरान आसानी और सुरक्षा देने सुरक्षा देने के लिए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने ट्रेन के जनरल डिब्बों को गुलाबी रंग से रंगना शुरू कर दिया है. यह रंग यात्रियों को महिलाओं के लिए रिजर्व सीटें पहचानने में मदद करेगा ताकि वे रिजर्व सीटों को न घेरें और भीड़भाड़ के वक्त भी महिलाओं को सीटें मिल सकें.
जनरल डिब्बों में अगर पूरे डिब्बे को महिलाओं के लिए घोषित किया गया है तो उसे गुलाबी रंग से रंग दिया जा रहा है. अगर डिब्बे के केवल एक हिस्से को महिलाओं के लिए रिजर्व किया गया है तो केवल उतने हिस्से को गुलाबी रंग से रंग दिया जा रहा है. न्यू बोंगाईगांव से गुवाहाटी जाने वाली कई ट्रेनों को ऐसे रंगा गया है. जबकि ऐसे ही रंगिया और मुरकॉन्गसेलेक के बीच चलने वाली ट्रेन को भी रंगा गया है.
कुछ रेलगाड़ियों में, ट्रेन के कोच के अनुसार, एक ही कोच में महिलाओं और दिव्यांग लोगों के लिए डिब्बे के हिस्से रिजर्व कर दिए गए हैं.
NRF मानता है कि यह नया कदम महिला यात्रियों की सुरक्षा और आराम के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है. यह और ज्यादा महिलाओं को ट्रेन को यात्रा के माध्यम के तौर पर चुनने के लिए प्रेरित करेगा. ये महिलाएं इन डिब्बों में लंबी यात्राएं भी कर सकेंगीं. रेलवे अधिकारी इन कोच में अगले कुछ दिनों के लिए RPF और टिकट चेक करने वाले अधिकारियों की नियुक्ति भी करने वाले हैं ताकि इस नई व्यवस्था को पूरी तरह से स्थापित किया जा सके.