दिल्ली :केंद्र सरकार ने संसद भवन परिसर में चलने वाली कैंटीन (Parliament House Canteen) की सब्सिडी खत्म करने के बाद नई रेट लिस्ट (Parliament Canteen New Rate List Update) जारी कर दी गई है. बीते 20 जनवरी को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कैंटीन से सब्सिडी खत्म किए जाने के फैसले के बारे में जानकारी दी थी. 29 जनवरी से संसद का सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन अब पहले के मुकाबले संसदी की कैंटीन में खाना महंगा होगा.
नई बात यह है कि कैंटीन की जिम्मेदारी अब इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(ITDC) के पास आ गई है. पहले इस कैंटीन का संचालन उत्तर रेलवे की ओर से किया जाता था. पहले संसद की कैंटीन में भोजन, अन्य पेय और फूड आइटम्स बेहद सस्ता हुआ करते थे. लेकिन अब फूड आइटम्स के रेट बढ़ा दिए गए हैं.
केंद्र सरकार ने संसद भवन परिसर में चलने वाली कैंटीन (Parliament House Canteen) की सब्सिडी खत्म करने के बाद नई रेट लिस्ट जारी कर दी गई है. बीते 20 जनवरी को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कैंटीन से सब्सिडी खत्म किए जाने के फैसले के बारे में जानकारी दी थी. 29 जनवरी से संसद का सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन अब पहले के मुकाबले संसदी की कैंटीन में खाना महंगा होगा.
नई बात यह है कि कैंटीन की जिम्मेदारी अब इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन(ITDC) के पास आ गई है. पहले इस कैंटीन का संचालन उत्तर रेलवे की ओर से किया जाता था. पहले संसद की कैंटीन में भोजन, अन्य पेय और फूड आइटम्स बेहद सस्ता हुआ करते थे. लेकिन अब फूड आइटम्स के रेट बढ़ा दिए गए हैं.
सांसद, विजिटर्स, अधिकारी और कर्मचारी को मिलता था फायदा
इस कैंटीन में बेहद सस्ते में मिलने वाले फूड आइटम्स का लुत्फ सांसद, उनके मेहमान, पूर्व सांसद, संसदीय परिसर के अधिकारी, अन्य स्टाफ और वैध पास वाले आगंतुक ही उठा सकते थे. अब कैंटीन को दी जाने वाली सब्सिडी रोक दी गई है. अब उन्हें भी सस्ता खाना नहीं मिलेगा.
हमेशा से ही आम लोगों के लिए नाराजगी और आश्चर्य का विषय रहा है कि आखिर क्यों सांसदों को इतना सस्ता खाना मिलता था? क्यों आम जनता के टैक्स के पैसे का एक हिस्सा यहां सब्सिडी के तौर पर खर्च किया जा रहा था? बहरहाल, अब बताया जा रहा है कि सब्सिडी खत्म किए जाने से लोकसभा सचिवालय को करीब 8 करोड़ रुपये की बचत होगी.
सबसे पहले बात करते हैं कैंटीन की दरों पर
संसद की कैंटीन में हाल फिलहाल तक सस्ता खाना मिलता रहा है, लेकिन कुछ सालों पहले तक यह और भी बहुत सस्ता हुआ करता था. वर्तमान में जिस वेज थाली की कीमत 35 रुपये है, वह थाली कभी 15 रुपये में मिला करती थी. सब्सिडी खत्म होने के बाद यही थाली अब 100 रुपये में मिलेगी.
हैदराबादी चिकेन बिरयानी की कीमत किसी ठीक-ठाक होटल में पता करें तो यह 200 रुपये के आसपास हुआ करती है, लेकिन यह संसद की कैंटीन में केवल 65 रुपये में उपलब्ध हो रहा था. सब्सिडी खत्म होने के बाद यही चिकेन बिरयानी 100 रुपये में मिलेगी. आइए सबसे पहले पुराने और नए रेट चार्ट पर नजर डालते हैं.
पुराना रेट चार्ट
चाय/कॉफी- 5 रुपये
ब्रेड बटर- 6 रुपये
कटलेट/पोहा उपमा- 18 रुपये
वेज थाली- 35 रुपये
फिश करी- 40 रुपये
मटन करी- 40 रुपये
चिकेन करी-50 रुपये
चिकेन बिरयानी-65 रुपये
(संसद की कैंटीन की पुरानी रेट लिस्ट)
नया रेट चार्ट
ब्रेड पकौड़ा- 10 रुपये
पोहा- 20 रुपये
उपमा- 25 रुपये
वेज थाली- 100 रुपये
चिकेन करी- 75 रुपये
मटन करी- 125 रुपये
चिकेन बिरयानी- 100 रुपये
बाहर के मुकाबले अब भी सस्ती है कैंटीन
संसद की कैंटीन से सब्सिडी खत्म किए जाने के बाद फूड आइटम्स पहले की अपेक्षा महंगे हो गए हैं. 35 में मिलने वाली वेज थाली का रेट अब 100 रुपये कर दिया गया है. चिकेन करी, मटन करी, चिकेन बिरयानी वगैरह के रेट भी महंगे हो गए हैं. हालांकि अब भी कई ऐसे फूड आइटम्स हैं, जो बाजार से काफी सस्ते में उपलब्ध हैं.
30 रुपये में प्लेन डोसा और 50 रुपये में मसाला डोसा उपलब्ध होगा. बाजार में इसकी दर 80 से 100 रुपये के बीच है. वहीं कढ़ाई पनीर और मटर पनीर केवल 60 रुपये में उपलब्ध होगी, जबकि बाहर इसका रेट महंगा है. मिनी वेज थाली की दर अभी भी 50 रुपये रखी गई है. वहीं प्लेन ऑमलेट 20 रुपये, जबकि दो अंडे का मसाला ऑमलेट केवल 25 रुपये में उपलब्ध होगा.