नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमारा संविधान सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, बल्कि यह सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है. प्रधानमंत्री मोदी ने यह विचार शुक्रवार को संविधान दिवस के मौके पर व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए मनाना चाहिए. बाबा साहब अंबेडकर ने हमें और देश को जो तोहफा दिया है, यह उसे याद करने का दिन है. सदन को प्रणाम करने का दिन है. पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिवस बाबासाहेब अंबेडकर अऔर डॉ राजेन्द्र प्रसाद जैसे दूरंदेशी महानुभावों का नमन करने का है.कार्यक्रम में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी उपस्थित थे.कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित 14 विपक्षी पार्टियों ने संसद में संविधान दिवस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी. केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के मनिकेल टैगोर (Manickam Tagore)ने कहा कि यह सरकार के मन में संविधान के प्रति सम्मान नहीं है
पीएम ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर की 125वीं जयंती थी, ऐसे में हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें. देश एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो है पारिवारिक पार्टियां. योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है.संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैंंण्जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं?