महाराष्ट्र की राजनीति दिन-ब-दिन दिलचस्प होती जा रही है। राज्य के उप मुख्यमंत्री और बागी एनसीपी नेता अजित पवार ने पार्टी चीफ शरद पवार को केंद्रीय मंत्री बनाने की पेशकश की है। अजित पवार का यह बयान दोनों नेताओं की पिछले कुछ दिनों से हो रही गुप्त मीटिंग के बाद आया है।
हालांकि, मंगलवार को बारामती में दिए एक बयान में शरद पवार ने बीजेपी के साथ जाने से साफ इनकार कर दिया है। मगर, महा विकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने दोनों नेताओं को लेकर दबे मुंह ही सही लेकिन कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा करते हुए कहा कि बीजेपी ने अजित पवार के जरिए शरद पवार को बड़े ऑफर की पेशकश की है।
वहीं, शरद पवार को केंद्रीय मंत्री बनाने की पेशकश के बाद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने अजित पवार को आड़े हाथों लिया। राउत ने मीडिया को दिए एक बयान में बुधवार (16 अगस्त) को कहा, “अजित पवार इतने बड़े नेता नहीं कि वो शरद पवार को ऑफर दे सके। अजित पवार को पवार साहब ने बनाया है। पवार साहब को अजित पवार ने नहीं बनाया। पवार साहब 60 साल से ज्यादा संसदीय राजनीति में बिता चुके हैं। महाराष्ट्र मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रहे हैं। उनका कद और औहदा बहुत बड़ा है। “
एक अखबार में पृथ्वीराज चव्हाण के हवाले से दावा किया गया है कि बीजेपी ने शरद पवार को केंद्रीय कृषि मंत्री बनाने और नीति आयोग के अध्यक्ष पद का ऑफर दिया है। यही नहीं इसके अलावा शरद पवार की सांसद बेटी सुप्रिया सुले और विधायक जयंत पाटिल को मंत्री बनाने का भी ऑफर दिया है।
उधर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि वे एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के बीच गुप्त रूप से होने वाली बैठकों को मंजूरी नहीं देते हैं और यह उनकी पार्टी के लिए चिंता का विषय है। पुणे में भतीजे अजित से शरद पवार की मुलाकात के बारे में मीडिया से नाना पटोले ने कहा, “यह हमारे लिए चिंता का विषय है और हम पवार के बीच गुप्त रूप से होने वाली बैठकों को मंजूरी नहीं देते हैं।” उन्होंने कहा, “हालांकि, इस मामले पर कांग्रेस के शीर्ष नेता चर्चा करेंगे। (विपक्षी) भारत गठबंधन भी इस पर चर्चा करेगा, इसलिए मेरे लिए इस पर आगे चर्चा करना उचित नहीं होगा।”
अपने गृह नगर बारामती में बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि पार्टी में कुछ लोगों ने अलग रास्ता अपनाया है। लेकिन, एक बार उन्हें स्थिति का एहसास हो जाएगा, तो उनका रुख बदल सकता है। पवार ने कहा, “चाहे वे अपना रुख बदलें या नहीं, हम अपने चुने हुए रास्ते से नहीं हटेंगे।” मैंने महाराष्ट्र के मतदाताओं से कहा है कि वे किसी को वोट दें और अब, मैं मतदाताओं को उनको (बीजेपी) वोट देने के लिए नहीं कह सकता जिसका हमने हमेशा विरोध किया है।