दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्दियों का मौसम आने से पहले राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान का एलान किया है. उन्होंने कहा है दिल्ली सरकार इसे सख्ती से लागू करेगी, ताकि दिल्लीवालों को प्रदूषण की मार से बचाया जा सके. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में यहां प्रदूषण के स्तर में करीब 30 फीसदी की कमी आई है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि विंटर सीजन में 13 हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है. इस बार दिल्ली के 5 हजार एकड़ से अधिक खेतों में बॉयो डी-कंपोजर का मुफ्त छिड़काव किया जाएगा. निर्माण साइटों पर कड़ी नजर रहेगी. एंटी डस्ट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. वाहन प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ खुले में कूड़ा जलाने पर रोक रहेगी. साथ ही प्रदूषण बढ़ने पर सख्ती से ग्रैप को लागू किया जाएगा.
दिल्ली में प्रदूषण का गिरता ग्राफ
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आंकड़ों के जरिए बताया कि 2014 में दिल्ली में पीएम-2.5 149 होता था, जबकि आज ये 103 है. इसी तरह 2014 में पीएम-10 324 होता था, आज ये 223 है. 2016 में प्रदूषण के हिसाब से 365 दिनों में 109 दिन अच्छी हवा होती थी, आज यह संख्या बढ़कर 163 हो गई है. अब साल में 136 दिन अच्छी हवा होती है.
2016 में सीवियर प्रदूषण के दिनों की संख्या 26 होते थे, अब ये घटकर केवल 6 दिन रह गए हैं. अब पूरे साल में केवल 6 दिन ही बहुत खराब होते हैं. इसी दिशा में हमने पिछले कई सालों से युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध कैंपेन चलाया.सर्दियों में प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम करने के लिए हमने 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान बनाया है.
इलेक्ट्रिक बसों से पड़ा फर्क
सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम काफी खराब था. पिछले दो-तीन सालों में हम लोगों ने बहुत बड़े स्तर पर बसें खरीदी हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक बसें भी हैं. वर्तमान में दिल्ली में सबसे ज्यादा 7135 बसें सड़कों पर हैं. पहले कभी भी दिल्ली में इतनी बसें नहीं थीं. इसमें से 800 इलेक्ट्रिक बसें हैं.
दिल्ली में हरित क्षेत्र बढ़ा
सीएम केजरीवाल ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में जितने नए वाहन खरीदे जाते हैं, उनमें से 17 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन होते हैं. उन्होंने कहा जैसे-जैसे विकास होता है, वैसे-वैसे पेड़ कटते हैं, सड़कें और बिल्डिंग बनती हैं- अलग-अलग शहरों में ऐसा ही देखा गया है लेकिन दिल्ली में 2013 में 20 फीसद हरित क्षेत्र था, जो अब बढ़कर 23 फीसद हो गया हैं.
पेड़ हुए शिफ्ट, थर्मल पावर प्लांट बंद
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने ट्री ट्रांसप्लांटेंशन पॉलिसी बनाई. कई बार हमें बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए पेड़ काटने की अनुमति देनी पड़ती है. 100-200 साल पुराने पेड़ों काटना गलत है. हमने पॉलिसी बनाई कि ऐसे पेड़ों को नहीं काटा जाएगा बल्कि उन्हें जड़ों के साथ निकाल कर कहीं और ले जाकर लगा दिया जाएगा. इस पॉलिसी का भी बहुत अच्छा असर हुआ है. इसी तरह दिल्ली में स्थित दोनों थर्मल पावर प्लांट को बंद कर दिया गया. आज दिल्ली देश का अकेला शहर है, जहां पर कोयला आधारित कोई थर्मल पावर प्लांट नहीं है.
24 घंटे बिजली, जेनरेटर बंद
सीएम ने बताया कि धूल प्रदूषण करने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है. उनकी रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है. दिल्ली में 1727 पंजीकृत इंडस्ट्रीयल यूनिट्स हैं. पहले इन इंडस्ट्रीज में प्रदूषण पैदा करने वाले ईंधन का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन अब पाइप नेचुरल गैस (पीएनजी) पर शिफ्ट कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने से पहले दिल्ली में 7-8 घंटे के पावर कट लगा करते थे, लोगों को जेनरेटर चलाने पड़ते थे, जिससे धुंआ उठता था. आज दिल्ली में 24 घंटे बिजली होने से जेनरेटर बंद है.
क्या है 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान?
1- तेरह हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग प्लान
दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट चिंहित किए हैं. हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है. इसके लिए एक वॉर रूम बनाया गया है. 13 विशेष टीमें बनाई गई हैं.
2- पराली
पिछले तीन साल से दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए पूसा बायो-डी-कंपोजर का मुफ्त में सफलतापूर्वक छिड़काव. नतीजे अच्छे आए. पिछले साल 4400 एकड़ खेत में बायो डीकंपोजर का छिड़काव किया. इस साल 5000 एकड़ से अधिक बासमती और गैर-बासमती कृषि भूमि पर मुफ्त में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव होगा.
3- धूल प्रदूषण
निर्माण साइट्स पर निगरानी रखने के लिए टीमें बनाई गई. 500 वर्गमीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट को डस्ट कंट्रोल करने के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा. 5 हजार वर्गमीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना होगा. 82 मैकेनिकल रोड स्पीपिंग मशीन लगाई गई हैं. 530 वाटर स्प्रिंक्लिंग मशीनें और 258 मोबाइल एंटी स्मॉग गन सड़कों पर पानी छिड़काव के लिए लगाई जाएंगी.
4– वाहन प्रदूषण
पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी. 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए 385 टीमें गठित की गईं. ट्रैफिक वाली 90 सड़कों की पहचान की गई है. यहां वैकल्पिक रूट बनाए जाएंगे.
5- खुले में कूड़ा जलाने पर रोक
दिल्ली के अंदर खुले में कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. इसकी निगरानी के लिए 611 टीमों टीमों का गठन किया गया है.
6– औद्योगिक प्रदूषण
1727 औद्योगिक इंडस्ट्रीज की निगरानी के लिए 66 टीमों का गठन किया गया. टीमें सुनिश्चित करेंगी कि ये ईकाइयां किसी भी अनधिकृत और प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग तो नहीं कर रही हैं. अवैध रूप से चल रही औद्योगिक ईकाइयों पर भी कार्रवाई होगी.
7- ग्रीन वॉर रूम
एक ग्रीन वॉर रूम बनाया गया है, जिसके जरिए 24 घंटे निगरानी की जाएगी. यहां सभी एजेंसियों द्वारा हर दिन की गई कार्रवाई की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगी और अगले दिन की योजना बनाएगी.
8- ग्रीन दिल्ली एप
3 साल पहले लॉन्च किया गया ग्रीन दिल्ली ऐप पर अभी तक 70,470 से अधिक शिकायतें आईं. इनमें से 63,344 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है. दिल्ली के लोगों से मोबाइल में ग्रीन दिल्ली एप डाउनलोड करने की अपील. प्रदूषण करने वाली गतिविधि की सूचना पर होगी कार्रवाई.
9- रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी
आईआईटी दिल्ली और डीपीसीसी के साथ रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी की जा रही है. इसके लिए रॉउस एवेन्यू रोड पर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में एक सुपरसाइट बनाई गई है. इसके डेटा का इस्तेमाल कर फोकस तरीके से एक्शन होगा.
10- पटाखों पर प्रतिबंध
पिछले सालों की तरह इस साल भी दिल्ली के अंदर पटाखों के उत्पादन, भण्डारण और किसी भी प्रकार की बिक्री या खरीद पर पूरी तरह प्रतिबन्ध रहेगा.
11- हरित क्षेत्र को बढ़ाना
दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए एक करोड़ से ज्यादा नए पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें से 52 लाख पौधे दिल्ली सरकार लगाएगी.
12- ईको ई-वेस्ट पार्क
होलम्बी कलां में एक ई-वेस्ट पार्क बनाया जा रहा है. पार्क के निर्माण में तेजी लाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति कर दी गई है.
13- जन जागरुकता अभियान
प्रदूषण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया जाएंगा. इसमें रन अगेन्स्ट पॉल्यूशन, रेड लाइट ऑन, गाडी ऑफ समेत अन्य कैंपेन चलाए जाएंगे
14- केंद्र सरकार, CAQM और पड़ोसी राज्यों से संवाद
आसपास के राज्यों के साथ मिलकर प्रदूषण को कम करने का प्रयास. सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट का डेटा बताता है कि दिल्ली में 31 फीसद प्रदूषण दिल्ली के आंतरिक स्रोतों की वजह से होता है, जबकि 69 फीसद बाहरी स्रोतों की वजह से है. पड़ोसी राज्यों से CNG वाहन भी दिल्ली में लाने की अपील. दिल्ली के आसपास पॉल्यूटिंग ईंधन से चल रही इंडस्ट्री को PNG में शिफ्ट करने की अपील. ईंट भट्ठे को जिग-जैग तकनीक में बदला जाए. NCR में भी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध हो.
15- ग्रैप का क्रियान्वयन
दिल्ली में GRAP को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार की एजेंसी और CAQM के जरिए तीन दिन बाद का पूर्वानुमान पता चल जाता है. इसके आधार पर ग्रैप को लागू किया जाता है. जिससे प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.