पैसे न मिले हों तो क्या करें?, सावधानी से करेंगे आवेदन तभी आपके आपके बैंक अकाउंट में आएंगे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के 6000 रुपये.
देश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) के कुल 11.47 करोड़ लाभार्थी हो गए हैं. इसकी अनौपचारिक शुरुआत के दो साल हो गए हैं. इस बीच सबसे बड़ा लाभार्थी बनकर उत्तर प्रदेश उभरा है. इसके बावजूद वहां सातवीं किस्त में 49,015 किसानों की पेमेंट फेल हो गई है. इसकी वजह सरकार नहीं बल्कि खुद किसान हैं, जिसकी वजह से उनके अकाउंट में पैसा नहीं पहुंचा. आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक ही किस्त में इतने किसानों का पैसा रुक गया और अब इस समस्या का निदान क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को 9 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 18000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. इस दौरान यूपी के 1,20,97,660 किसानों का फंड ट्रांसफर ऑर्डर (FTO) जनरेट हुआ. लेकिन, सिर्फ 1,20,48,277 किसानों के ही अकाउंट में पैसा पहुंचा. इसमें से 49,015 किसानों को 2000 रुपये की किस्त नहीं मिली. जबकि 368 की पेमेंट पेंडिंग है.
क्यों नहीं पहुंचा पैसा?
-आधार कार्ड (Aadhaar card) सीडिंग न होने, स्पेलिंग की गड़बड़ी और बैंक अकाउंट नंबर में अंतर की वजह से यह भुगतान फेल हुआ है.
-पहली किस्त के दौरान सबसे अधिक लोगों की पेमेंट फेल हुई थी.
-उसके बाद बढ़ती जागरूकता के कारण धीरे-धीरे ऐसे लोगों की संख्या घटने लगी.
-आवेदक किसानों के नाम, मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नंबर में सबसे ज्यादा अंतर मिलता है.
-किसी भी ऐसे अंतर के कारण भुगतान रुक जाता है.
कैसे ठीक होगी समस्या?
-अगर खेती-किसानी के लिए 6000 रुपये की मदद चाहिए और आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना है तो फार्म भरते वक्त सावधानी रखें.
-सबसे पहले योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं. इसके फार्मर कॉर्नर के अंदर जाकर Edit Aadhaar Details ऑप्शन पर क्लिक करें.
-आपको यहां पर अपना आधार नंबर दर्ज करना होगा. इसके बाद एक कैप्चा कोड आएगा, उसे डालकर सबमिट करें.
-यदि सिर्फ नाम गलत है यानी कि आवेदन फार्म और आधार कार्ड में जो आपका नाम है दोनों अलग-अलग हैं तो आप इसे ऑनलाइन ठीक कर सकते हैं.
-अगर कोई और गलती है तो इसे आप अपने लेखपाल, बैंक और कृषि विभाग कार्यालय में संपर्क करके ठीक करवाएं.
किसान तक कैसे पहुंचते हैं 6000 रुपये
पीएम किसान स्कीम का 100 फीसदी पैसा केंद्र सरकार की ओर से जारी होता है. राज्य चाहे तो अपनी ओर से जोड़कर कुछ और रकम दे सकता है. मोदी सरकार (Modi Government) ने अपनी सबसे बड़ी किसान स्कीम का वार्षिक बजट 75 हजार करोड़ रुपये रखा है. लेकिन कौन किसान है और कौन नहीं इसे केंद्र को बताने की जिम्मेदारी राज्यों की है. क्योंकि राजस्व राज्यों का मामला है. इसीलिए जिस राज्य की तरफ से जितने किसानों का रिकॉर्ड वेरिफाई करके आ जाता है उतना पैसा रिलीज कर दिया जाता है.