बिहार में जिस दिन ज्यादातर महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए जितिया व्रत कर रही थी उसी दिन राजधानी पटना में एक अजीबोगरीब घटना हुई. जब एक 17 साल के युवक की अर्थी ले जाने की तैयारी हो रही थी उस वक्त वो अचानक सांस लेने लगा. दरअसल पटना के कंकड़बाग इलाके में रहने वाले 17 साल के सौरभ का एक्सीडेंट होने के बाद उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. तीन दिनों तक इलाज के बाद अस्पताल ने युवक को मृत घोषित कर दिया था.
परिजन अपने बेटे को मरा हुआ मानकर उसके शव को घर ले आए और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी. सौरभ की मां उसे पकड़कर दहाड़ मारकर रोती रही. परिजनों ने सभी तैयारियों के बाद जैसे ही उसे अर्थी पर लिटाया उसकी उंगलियों में हरकत होने लगी और सांसें भी चलने लगीं.
चंद सेकेंड के लिए 3 दिनों से बेहोश सौरव ने आंखें भी खोली जिससे परिजनों की उम्मीद जग गई और वो अपने लाडले को लेकर फौरन पीएमसीएच अस्पताल पहुंचे. अभी युवक का अस्पताल में इलाज चल रहा है. हालांकि उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
वहीं पीएमसीएच में इमरजेंसी के प्रभारी डॉ. अभिजीत ने कहा कि उन्हें सौरव के मरने और फिर अचानक जग जाने की कहानी बेहद अजीब लगी. उन्होंने कहा कि जब उसे इस अस्पताल में लाया गया तो उसकी सांसें चल रही थी. पीएमसीएच के इमरजेंसी प्रभारी ने कहा कि उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है लेकिन डॉक्टरों की टीम उसे बचाने का हर संभव प्रयास कर रही है.