Illegal Sand Mining Case: अवैध बालू खनन मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भतीजे को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. इससे पहले स्थानीय अदालत ने भूपिंदर सिंह उर्फ हनी को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 11 फरवरी तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेजा था. यह मामला पंजाब में कथित गैरकानूनी रेत खनन से जुड़ा है.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने हनी को तीन फरवरी को गिरफ्तार किया था और वह मंगलवार तक ईडी की हिरासत में था. सूत्रों ने बताया कि हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उसे जिला एवं सत्र अदालत में पेश किया गया. 11 फरवरी यानी आज हुई सुनवाई के दौरान उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. ईडी ने हनी की हिरासत अवधि बढ़ाए जाने की मांग करते हुए कहा था कि वह विभिन्न दस्तावेजों को लेकर उससे पूछताछ करना चाहती है.
बीते दिनों हनी ने कबूल किया था कि बालू खनन से जुड़ी गतिविधियों और अधिकारियों की नियुक्ति व तबादले में मदद करने के एवज में उसे 10 करोड़ रुपये कैश मिले थे. ईडी ने सोमवार को जारी एक बयान में यह दावा किया था. जांच एजेंसी ने 18 जनवरी को हनी और अन्य के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की थी. इस दौरान हनी के ठिकाने से लगभग 7.9 करोड़ रुपये, जबकि उससे जुड़े संदीप कुमार नाम के शख्स के परिसर से लगभग दो करोड़ रुपये जब्त किए गए थे.
ईडी ने अपने बयान में कहा था कि छापेमारी के दौरान उसने कुदरतदीप सिंह, भूपिंदर सिंह (हनी), हनी के पिता संतोख सिंह और संदीप कुमार के बयान दर्ज किए तथा इन बयानों से यह ‘स्थापित’ हुआ है कि 10 करोड़ रुपये की जब्त राशि भूपिंदर सिंह, पुत्र संतोख सिंह की थी.
बयान में दावा किया गया था, ‘‘भूपिंदर सिंह ने कबूला है कि उसे बालू खनन से जुड़ी गतिविधियों और अधिकारियों की नियुक्ति/तबादले में मदद करने के एवज में जब्त की गई राशि मिली थी.’’
ईडी ने कहा था कि हनी को कुछ दस्तावेजों के साथ तीन फरवरी को एजेंसी के सामने पेश होने के लिए समन जारी किया गया था. जांच एजेंसी के मुताबिक, ‘‘हनी पेश हुआ और अपना बयान दिया, जिसमें उसने अन्य बातों के साथ-साथ कहा कि वह खनन संबंधी गतिविधियों में शामिल है, लेकिन दोष साबित करने वाला डाटा सामने रखे जाने पर वह टालमटोल करने लगा.’’