बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की मीटिंग में आम आदमी पार्टी भी हिस्सा लेने जा रही है। आम आदमी पार्टी की ओर से खुद सीएम केजरीवाल इस मीटिंग में हिस्सा लेंगे। दिल्ली के लिए आए केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी चाहती थी कि कांग्रेस उनका समर्थन करे। कांग्रेस ने रविवार को साफ किया कि वो आम आदमी पार्टी के साथ है।
कांग्रेस के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में आम आदमी पार्टी ने फैसला लिया है कि बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दिलों की मीटिंग में आम आदमी पार्टी भी हिस्सा लेगी।
राघव चड्ढा ने कहा, ”बैठक में विस्तार से हर पहलु पर चर्चा हुई और बैठक के समाप्त होने के बाद मैं कहूंगा कि काला अध्यादेश एक राष्ट्र विरोधी कानून है। हर वो शख्स जो इस अध्यादेश का समर्थन करता है वो राष्ट्र विरोधी है। इस कवायद में केजरीवाल जी ने इस देश के राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की और इस अध्यादेश को हराने के लिए समर्थन मांगा।”
राघव चड्ढा ने आगे कहा, ”टीएमसी से लेकर आरजेडी तक सबने इस अध्यादेश के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की। इसी श्रंख्ला में आज कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी पॉजिशन क्लियर करते हुए दिल्ली के अध्यादेश के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया है। इसी के साथ-साथ मैं ये कहना चाहूंगा कि बेंगलुरु की बैठक में आम आदमी पार्टी हिस्सा लेगी।”
केसी वेणुगोपाल विपक्षी नेताओं की बैठक के लिए बेंगलुरु पहुंच गए हैं। इसी बीच, उन्होंने अध्यादेश को लेकर मीडिया से बात करते हुए कहा, ”इस पर कांग्रेस का रुख बिल्कुल स्पष्ट है, हम इसका विरोध करेंगे।”