कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी करने के मामले में फंसते ही जा रहे हैं. सूरत कोर्ट से उन्हें पहले ही इस मामले में 2 साल की सजा हो चुकी है. अब इसी मामले में उन पर एक और केस हो गया है. ये केस बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने किया है. आज राहुल गांधी को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वो नहीं हुए. राहुल गांधी अब 25 अप्रैल को पटना के सिविल कोर्ट में स्थित एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर होंगे.
इस मामले में आज राहुल गांधी के वकील और सुशील मोदी के वकील के बीच कोर्ट में जमकर बहस हुई. आज यानी 12 अप्रैल को राहुल के कोर्ट में पेश नहीं होने पर सुशील मोदी की तरफ से कोर्ट में अपील दायर की गई और कहा गया कि वो पेश नहीं हुए हैं, ऐसे में उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया जाए.
18 मार्च को कोर्ट ने उन्हें मानहानि मामले में सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट में पेश होने को कहा था. मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दिए उनके बयान को लेकर मानहानि का केस किया था. कर्नाटक में एक रैली के दौरान राहुल ने कहा था कि ‘सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है’
सुशील मोदी के वकील एसडी संजय और प्रिया गुप्ता ने कहा कि बयान दर्ज कराने के लिए राहुल गांधी को आज कोर्ट के सामने पेश होना था, लेकिन वो जानबूझकर पेश नहीं हुए. वो केरल में रैली कर रहे हैं. इसलिए अदालत से अपील की है कि पेश न होने के आधार पर उनका जमानत मुचलका रद्द कर दिया जाए.
वहीं राहुल गांधी के वकील ने कहा कि वो इसलिए पेश नहीं हुए क्योंकि 13 अप्रैल को उन्हें सूरत कोर्ट में पेश होना है. 23 मार्च को राहुल गांधी को सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मानहानि के आपराधिक मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि उनकी सजा पर 30 दिन तक रोक लगा दी थी और उन्हें जमानत दे दी थी. इस फैसले के खिलाफ राहुल ने सूरत कोर्ट में अपील की, जिसमें कल यानी 13 अप्रैल को सुनवाई होनी है.
2 साल की सजा होने के बाद राहुल गांधी से लोकसभा की सदस्यता छिन ली गई. इसके बाद उनसे सरकारी बंगला भी वापस ले लिया गया. अब सुशील मोदी ने उसी बयान को लेकर उन पर एक और केस कर दिया है. ऐसे में कह सकते हैं कि राहुल ऐसा बयान देकर और ज्यादा फंसते जा रहे हैं. बीजेपी इस मामले में राहुल को राजनीतिक तौर पर भी घेर रही है. बीजेपी राहुल के इस बयान को ओबीसी का अपमान बता रही है.