मोदी सरकार पर जमकर गरजे राहुल गांधी, कहा- देश केंद्र की एक छड़ी से नहीं चल सकता

Rahul Gandhi Speech: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार को लोकसभा में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर गरजे. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल ने पेगासस से लेकर महंगाई और बेरोजगारी तक का मुद्दा उठाया. राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र इस देश को एक छड़ी से नहीं चला सकता है.

राहुल गांधी ने कहा कि अब एक भारत नहीं, दो भारत हैं. एक भारत अत्यंत धनी लोगों के लिए है, जिनके पास अपार दौलत है, जिनके पास अपार शक्ति है. एक भारत गरीबों के लिए है.

‘सच्चाई से दूर था राष्ट्रपति का अभिभाषण’

राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण सच्चाई से दूर था. उसमें बेरोजगारी का कोई जिक्र नहीं था. जबकि पिछले साल 3 करोड़ युवाओं ने अपना रोजगार खो दिया. राहुल ने कहा कि हमारी यूपीए की सरकार ने दस साल के भीतर 27 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला था और इस सरकार ने 23 करोड़ लोगों को गरीबी में धकेल दिया. राहुल गांधी आगे कहते हैं कि मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी से असंगठित क्षेत्र को खत्म कर दिया, जिससे अब दो हिंदुस्तान बन गए हैं.

राहुल गांधी ने अपने भाषण में आगे कहा कि संविधान में भारत को राष्ट्र नहीं कहा गया है. भारत राज्यों का संघ है. सरकार को इतिहास का ज्ञान नहीं है. बिना संवाद के लोगों पर राज नहीं कर सकते. हर राज्य की अपनी संस्कृति, भाषा, इतिहास है. केंद्र राज्यों पर कोई दवाब नहीं बना सकता है. हमारा देश सामाज्य नहीं है. देश फूलों के गुलदस्ते के समान है. देश को केंद्र की छड़ी से नहीं चलाया जा सकता है.

किसानों और पेगासस का मुद्दा उठाया

राहुल ने किसानों और पेगासस का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि किसान सड़कों पर बैठे रहे, लेकिन राजा ने किसी की भी आवाज नहीं सुनी. सरकार के फ्रेमवर्क में किसानों के लिए जगह नहीं है.

कांग्रेस सांसद ने कहा कि पेगासस स्पाईवेयर के जरिए संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है. पीएम इजरायल जाकर पेगासस लेकर आए थे जिसका इस्तेमाल कर जासूसी कराई जा रही है. लेकिन सरकार देश के लोगों का अपमान नहीं कर सकती है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की नीति की वजह से आज पाकिस्तान और चीन साथ आ गए हैं. भारत दुनिया में अलग-थलग हो चुका है. वह चारों तरफ से घिर चुका है. राहुल ने कहा कि डोकलाम और लद्दाख को लेकर चीन की योजना काफी स्पष्ट है जबकि भारत की विदेश नीति में काफी गलतियां हैं.

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