लोकसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी की भारत जोड़ों न्याय यात्रा शुरू हो चुकी है. राहुल का कहना है कि वह मुहब्बत को हर तरफ फैलाना चाहते हैं और यह यात्रा इस दिशा में ही उनका कदम है. राहुल ने कल मीडिया से अपनी बातचीत में कहा था कि उनकी पिछली भारत जोड़ो यात्रा काफी सफल रही थी. यहां तक की बीजेपी के भी नेताओं ने उनकी तारीफ की थी. बता दें कि वह यहां बीजेपी नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की बात कर रहे थे, जिन्होंने राहुल की यात्रा की तारीफ करते हुए कहा था कि लोकतंत्र में विपक्ष की मजबूती जरूरी है.
राहुल की न्याय यात्रा आज नागालैंड में है. यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कई बातें कहीं. उन्होंने कल कहा था कि नोर्थ ईस्ट भी देश का अहम हिस्सा है और इसलिए लोगों ने उन्हें सलह दी थी कि इस बार वह पूर्व से पश्चिम की यात्रा करें.
‘बीजेपी ने आपकी भाषा का अपमान किया’
राहुल ने नागालैंड के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब मैं यहां भाषण देने चला तो मुझे कहा गया कि यहां के लोग इंग्लिश समझते हैं, यह एक अच्छी बात है लेकिन, मैं चाहता था कि यह स्पीच नागामीज भाषा में भी ट्रांस्लेट की जाए, क्योंकि यह आपकी आम बोल चाल की भाषा है. यह वह भाषा है जिस पर आरएसएस और भाजपा हमला कर रहे हैं और अपमान कर रहे हैं.
‘भारत में एक वैचारिक युद्ध चल रहा है’
राहुल ने कहा कि भारत में इस वक्त एक वैचारिक युद्ध चल रहा है. आरएसएस और भाजपा भारत की सभी संस्कृतियों पर हमला कर रही है. मैं जब यहां आ रहा था तो रास्ते में मुझे आपकी संस्कृति आपके रहन-सहन की झलक देखने मिली. आपकी विरासत और आपका इतिहास बेहद समृद्ध है. इस यात्रा से हम यह संदेश देना चाहते हैं कि उत्तर पूर्व राज्य, भारत के किसी भी बाकी हिस्से जितने ही महत्वपूर्ण हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि जनसंख्या कम है या ज्यादा, लेकिन महत्व उतना ही होना चाहिए.
बीजेपी ने तोड़ दिया राज्य
बीजेपी पर हमला करते हुए राहुल ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस ने मिलकर राज्य के दो टुकड़े कर दिए. वहां की राजनीति ने राज्य को तोड़ दिया. उन्होंने राज्य को बांट दिया, राज्य को जला दिया. आज केवल दो तीन लोग देश के पूरे कारोबार को नियंत्रित कर रहे हैं. मुझे शर्म आती है कि पीएम ने 9 साल पहले नागा समुदाय से वादा किया था लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. अगर, आपके पास समाधान नहीं है तो आपको झूठ बोलने की जरूरत नहीं है कि मेरे पास समाधान है. आप कह सकते हैं कि मुझे समाधान जरूर ढूंढना चाहिए लेकिन आपको झूठ नहीं बोलना चाहिए. हम समझते हैं कि आपके मुद्दे बहुत गंभीर हैं और आपको समाधान की आवश्यकता है. नागालैंड के लोगों के विश्वास के बिना, नागालैंड से बातचीत किये बिना कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता. अगर आप चाहते हैं कि मैं नागालैंड का कोई भी मुद्दा उठाऊं तो मुझे ऐसा करने में खुशी होगी.