जयपुर: पुलिस ने 35 वर्षीय सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के शव को उसके परिवार के सदस्यों द्वारा मुआवजे और अन्य मांगों को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन के बीच जयपुर के सवाईमान सिंह अस्पताल के मुर्दाघर से रविवार तड़के नागौर जिले के डीडवाना स्थानांतरित कर दिया. उल्लेखनीय है कि डीडवाना में बेहोशी की हालात में मिली महिला की जयपुर के सवाईमान सिंह चिकित्सालय में 17 फरवरी को मौत हो गई थी और उसके परिवार के सदस्यों ने शव लेने से इंकार कर दिया था.
मीडिया में चली खबरो के अनुसार शव को नागौर के डीडवाना स्थित सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया है. महिला के परिजनों और कुछ सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने पुलिस पर तानाशाही और बर्बर तरीके से काम करने का आरोप लगाते हुए शव को जयपुर से नागौर भेजे जाने का विरोध किया. प्रदर्शनकारियों में से एक गीगराज जोडली ने कहा कि ‘‘रविवार तड़के करीब तीन बजे 200 से 300 पुलिसकर्मियों ने तानाशाही और बर्बर तरीके से कार्रवाई की और शव को जयपुर से डीडवाना स्थानांतरित कर दिया.” पीड़िता के पिता ने कहा कि अगर उनकी सहमति के बिना बेटी का दाह संस्कार किया गया तो वह फांसी लगाकर जान दे देंगे, उन्हें बस न्याय चाहिए.
डीडवाना के क्षेत्राधिकारी गोमाराम चौधरी ने कहा कि रविवार तड़के शव को डीडवाना स्थानांतरित कर दिया गया और पीड़ित परिवार से उनकी मांगों को लेकर बातचीत जारी है. उन्होंने कहा कि शव का पोस्टमार्टम जयपुर के अस्पताल में किया गया था. पुलिस के मुताबिक चार फरवरी को महिला के साथ दो लोगों ने बलात्कार किया था और उसका गला घोट कर नागौर के डीडवाना में एक सूखे तालाब के पास घायल अवस्था में फेंककर फरार हो गये थे. महिला को घटना के छह दिन बाद पुलिस ने बेहोशी की हालत में स्थानीय अस्पताल पहुंचाया जहां से उसे जयपुर रेफर कर दिया गया.
पीड़िता की 17 फरवरी को जयपुर के सवाईमान सिंह चिकित्सालय में मौत हो गई. इस बीच, भाजपा सांसद किरोडी लाल मीणा ने महिला के परिजनों को 50 लाख रूपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की और पुलिस कार्रवाई को अनुचित बताया. मीणा ने कहा कि ‘‘डीडवाना की बलात्कार पीड़िता के परिजनों को धरने पर से तड़के सुबह राजस्थान पुलिस ने बलपूर्वक उठाया, जिसका मैं पुरजोर विरोध करता हूं.”
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अशोक गहलोत जी पीड़िता के परिजन सिर्फ न्याय की मांग कर रहे थे और आपने उन पर लाठियां बरसाकर मृतशरीर को डीडवाना पहुंचा दिया.” उन्होंने मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग की. इससे पूर्व मामले में लापारवाही बरतने पर नागौर पुलिस अधीक्षक ने डीडवाना थानाधिकारी नरेन्द्र जाखड और हेड कांस्टेबल प्रहलास सिंह को निलंबित कर दिया था. महिला के साथ बलात्कार मामले के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है.