रामनवमी पर 100 युवाओं को संन्यासी बनाएंगे रामदेव, पंतजलि योग पीठ में संन्यास दीक्षा कार्यक्रम शुरू

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में स्तिथ पंतजलि योग पीठ में बुधवार को चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से संन्यास दीक्षा कार्यक्रम शुरू हो गया है. 10 दिनों तक चलने वाले इस दीक्षा कार्यक्रम का उद्घाटन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने किया. इस दौरान योग गुरू स्वामी रामदेव भी वहां मौजूद रहे. खास बात यह है कि रामदेव रामनवमी के दिन 100 लोगों को जिसमें 40 महिलाएं और 60 पुरुष शामिल हैं उन्हें संन्यास की दीक्षा देंगे. साथ ही रामदेव के करीबी माने जाने वाले आचार्य बालकृष्ण भी 500 महिलाओं और पुरुषों ब्रह्मचर्य की दीक्षा देंगे.

इस संन्यास दीक्षा कार्यक्रम के दौरान देश के कोने-कोने से साधु-संत यहां पहुंच रहे हैं. जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत, देश के गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है.

‘भारतीय सनातन संस्कृति को बचाने के अभियान को मिलेगा बल’
रामदेव ने कहा कि यहां दीक्षा लेने वाले सभी भाई-बहन हमारे सनातन धर्म की वैश्विक प्रतिष्ठा के लिए संकल्पित होंगे. साथ ही इनके जुड़ने से भारतीय सनातन संस्कृति को बचाने का जो अभियान चलाया जा रहा है उसे भी बल और ऊर्जा मिलेगी. उन्होंने कहा कि ये सभी विद्वान और विदुषी भाई-बहन अष्टाध्यायी, व्याकरण, वेद, वेदांग, उपनिषद में निष्णात होकर योगधर्म, ऋषिधर्म, वेदधर्म, सनातन धर्म की वैश्विक प्रतिष्ठा मान सम्मान के लिए हमेशा संकल्पित रहेंगे.

रामदेव ने कहा कि ये नव-संन्यासी रामनवमी के दिन चार वेदों के महापारायण यज्ञ की पूर्णाहूति के साथ रामराज्य की प्रतिष्ठा, हिन्दू राष्ट्र का गौरव और सनातन धर्म को एक विश्वधर्म के रूप में प्रतिष्ठापित करने के लिए हमारे पूर्वज ऋषि-मुनियों की संन्यास परंपरा में दीक्षित होंगे.

पूरे विश्व में फहरेगा सनातन धर्म का झंडा
रामदेव ने कहा पंतजलि योगपीठ में किसी के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं होता है. यहां लिंग, जाति, रंग, धर्म के आधार पर किसी से कोई भेदभाव नहीं किया जाता है. यहां से संन्यास दीक्षा लेने वाले सभी स्त्री-पुरुष सनातन धर्म के लिए कटिबंध है और पूरे विश्व में सनातन धर्म की पताका फहरायेंगे.

वहीं अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर रामदेव ने कहा कि राम मंदिर बनने के बाद रामराज्य की प्रतिष्ठा होगी और यह केवल अयोध्या का नहीं बल्कि देश का राष्ट्र मंदिर भी बनेगा. उन्होंने कहा कि राम मंदिर का लोकार्पण 2023 जनवरी तक हो जाएगा. वहीं रामदेव ने कहा कि बहुत से काम देश में हो रहे हैं, लेकिन अभी दो बड़े काम होने बाकी हैं, जिसमें पहला समान नागरिक संहिता लागू करना और दूसरा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना है. रामदेव ने कहा कि उन्हे उम्मीद है कि सरकार ये काम 2024 तक कर लेगी.

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