अमरनाथ में तीसरे दिन भी जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, 40 से ज्यादा लोग लापता- जल्द शुरू हो सकती है यात्रा

अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के पास बादल फटने से अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 65 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक, 41 लोग लापता बताये जा रहे हैं जिसको लेकर जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police), राष्‍ट्रीय आपदा राहत बल (National Disaster Relief Force), भारत तिब्‍बत सीमा पुलिस और सैन्‍यबल तलाश और बचाव कार्य चला रही है. 

दरअसल, शुक्रवार शाम अमरनाथ में बादल फटने से बाढ़ के कारण पानी भर गया था. बादल फटने की घटना के कारण मरने वालों की संख्‍या अब बढ़कर 16 हो गई है जिसमें मृतकों में 7 पुरूष और 6 महिलाएं हैं जबकि, अन्‍य 2 शवों की अभी पहचान की जानी है. इस घटना में लगभग 65 लोग घायल हुए जिनमें से मलबे से जिंदा निकाले गए. वहीं 65 लोगों को का अस्‍पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.

स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के निदेशालयों ने अपने कर्मचारियों की छुट्यिां रद्द की

बताया जा रहा है कि, घटना के बाद पहलगाम और बालतल दोनों स्‍थानों से यात्रा अस्‍थायी रूप से स्‍थगित कर दी गई है. बादल फटने की घटना को देखते हुए कश्‍मीर में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के निदेशालयों ने अपने कर्मचारियों की छुट्यिां रद्द कर दी हैं और कर्मचारियों को तुरंत ड्यूटी पर उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा, सभी कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने फोन चालू रखें.

बादल फटने से नहीं हुई घटना- आईएमडी

बादल फटने की घटना पर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का कहना है कि अमरनाथ की बाढ़ अत्यधिक स्थानीयकृत बारिश की घटना के कारण हो सकती है, बादल फटने के चलते नहीं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक शुक्रवार को शाम 4.30 बजे से शाम 6.30 बजे के बीच मंदिर में 31 मिमी बारिश दर्ज की गई जो कि बादल फटने की श्रेणी में आने के लिए काफी कम है.

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, “अमरनाथ गुफा मंदिर के पास पहाड़ों के ऊंचे इलाकों में बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ सकती है.” आईएमडी के अनुसार, एक बारिश की घटना को बादल फटने के रूप में वर्गीकृत किया जाता है यदि एक मौसम स्टेशन एक घंटे में 100 मिमी बारिश होती है.

आज या कल शुरु हो सकती है अमरनाथ यात्रा

NDRF, SDRF, CRPF आर्मी सहित कई टीमें राहत कार्य में लगी हुई हैं. मलबे में खोजबीन की जा रही है. पहाड़ी क्षेत्रों में भारी उपकरणों को लेकर जाना हमेशा से चुनौती रहती है. फिलहाल आज के लिए यात्रा रोकी गई है मौसम ठीक होने पर कल या परसों से यात्रा शुरू होगी.

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