राजधानी दिल्ली में लगातार चार दिनों से लोग घने कोहरे की मार झेल रहे हैं. इसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियां हो रही हैं. इससे यातायात में भी काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. मौसम विभाग की माने तो आने वाले कुछ दिनों तक घने कोहरे की स्थिति यूं ही बनी रहेगी. इसको लेकर मौसम विभाग ने आज ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और साथ ही 26 तारीख तक येलो अलर्ट भी जारी किया है. 10km प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही ठंडी हवा ने कंपकंपी बढ़ा रखी है.
अगर हम तापमान की बात करें तो राजधानी दिल्ली में ठंड का कहर बढ़ना शुरू हो चुका है. आज मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली का अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तो वहीं न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस होने की संभावना जताई गई है. दिल्ली के मौसम की बात करें तो आज दिल्ली के आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और सुबह और शाम के समय घने कोहरे के साथ कंपकंपी भी महसूस होगी. उधर मौसम विभाग ने दक्षिण तटीय तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश सहित बाकी तटीय राज्यों में अगले सप्ताह सोमवार और मंगलवार तक मध्यम से भारी वर्षा की भविष्यवाणी की है.
दिल्ली में घने कोहरे से सड़क, रेल यातायात प्रभावित
दिल्ली सहित गंगा के मैदानी इलाकों में सुबह घना कोहरा छाए रहने से सड़क एवं रेल यातायात प्रभावित हुआ. रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि 20 ट्रेन डेढ़ से साढे़ चार घंटे की देरी से चल रही हैं. हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि हवाई यातायात पर कोहरे का कोई असर नहीं पड़ा. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच रहने पर बेहद घना कोहरा, 51 मीटर से 200 मीटर के बीच घना कोहरा, 201 मीटर से 500 मीटर के बीच मध्यम कोहरा और 501 से 1,000 मीटर के बीच हल्का कोहरा माना जाता है. कम तापमान, उच्च नमी और स्थिर हवाओं के कारण पंजाब, हरियाणा, उत्तर-पश्चिम राजस्थान, पश्चिम व पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में घने से बहुत घने कोहरे की परत बनी हुई है.
घने कोहरे की चपेट में गंगा से सटे मैदानी इलाके
भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा, उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पंजाब और उत्तर-पश्चिम राजस्थान से बिहार तक घने कोहरे की परत नजर आ रही है. हर साल दिसंबर-जनवरी के महीने में गंगा के मैदानी और उत्तर-भारतीय क्षेत्र में कोहरा छाना आम समस्या है और करीब 60 प्रतिशत दिन कोहरा छाया रहता है.
भारत में कोहरे पर हाल के अध्ययनों ने देश के उत्तरी भागों में कोहरे की आवृत्ति, निरंतरता और तीव्रता में वृद्धि के कारण महत्वपूर्ण सामाजिक आर्थिक चिंताओं को उजागर किया है. इस वर्ष की शुरुआत में नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन ने भारत के पश्चिमी तट पर अरब सागर से आई तीव्र नमी को गंगा के मैदानी इलाकों में कोहरे की तीव्रता के लिए जिम्मेदार ठहराया.