राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी जहां कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी। इस दौरान बैठक में पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे, लेकिन उससे पहले ही कुछ नेताओं ने अपना अलग रुख अपना लिया। उन्होंने अजित पवार के महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद रविवार को एक संवाददाता को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि ये गुगली नहीं है, ये रॉबरी है। ये छोटी बात नहीं है। एनसीपी प्रमुख ने कहा कि कल पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई है, जिसमें हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा,यह कोई नई बात नहीं है। 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या को मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए।
शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के घटनाक्रम के बाद कई नेताओं का फोन आया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है। मुझे बहुत से लोगों के लगातार फोन आ रहे हैं। पवार ने कहा कि आज जो कुछ भी हुआ मुझे उसकी चिंता नहीं है। मैं सोमवार को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम वाईबी चव्हाण का आशीर्वाद लूंगा और एक सार्वजनिक बैठक करूंगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NCP के बारे कहा था कि एनसीपी खत्म हो चुकी पार्टी है। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र भी किया था। मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने आज शपथ ली है। उनका महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने से यह स्पष्ट है कि वे सभी आरोप मुक्त हो गए हैं।
NCP से अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार ने कहा कि मैं फिर पार्टी खड़ी करके दिखाऊंगा। उन्होंने कहा कि मेरे साथ यह पहले भी हो चुका है, लेकिन मैं इससे डरता नहीं और न ही मुझे इससे फर्क पड़ता है। साल 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या को मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए। अजित पवार के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने पर शरद पवार ने कहा कि आज जो हुआ वह कोई नई बात नहीं है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे पूछा गया कि पार्टी का विश्वसनीय चेहरा कौन होगा, तो उन्होंने अपना हाथ उठाया और कहा “शरद पवार”। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के बारे में फैसला करना स्पीकर का अधिकार है। अगले दो-तीन दिनों में स्थिति का आकलन करने के लिए हम कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के साथ बैठक करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हमारी मुख्य ताकत आम लोग हैं, उन्होंने हमें चुना है।