नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) 23 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश नहीं होंगी. इस बाबत सोनिया गांधी का पत्र ईडी मुख्यालय को मिल गया है. जल्द ही ईडी इस मामले में नया समन जारी कर सकता है. ईडी सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी की तरफ से एक पत्र ईडी मुख्यालय को मिला है. जिसमें उनके स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 23 जून को ईडी मुख्यालय में पेश होने से छूट मांगी गई है.
खबरों के मुताबिक बताया गया है कि पिछले दिनों ही वे अस्पताल से लौटी हैं और डॉक्टर ने उन्हें पूरी तरह से आराम करने को कहा है. वह जांच में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय के मुख्यालय में पेश नहीं हो सकती. सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी के इस पत्र पर प्रवर्तन निदेशालय मुख्यालय ने सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है. सूत्रों का यह भी कहना है कि अब सोनिया गांधी को कब पूछताछ के लिए बुलाया जाए इस बाबत जल्द ही ईडी फैसला लेगा और उन्हें नया समन जारी करेगा.
पहले भी दिया था नोटिस
बता दें कि, सोनिया गांधी को दिया गया यह दूसरा नोटिस था जिस पर वह स्वास्थ्य कारणों से पेश नहीं हो पाई हैं. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सोनिया गांधी के बेटे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से 5 दिनों में 50 घंटे से ज्यादा पूछताछ की है. सूत्रों का दावा है कि इस दौरान उनसे लगभग 100 सवालों के जवाब लिए गए. ईडी खबरों के मुताबिक इस मामले में राहुल गांधी के बयानों का आंकलन किया जा रहा है और इस आंकलन के बाद उन्हें भी फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
ये है आरोप
इस मामले में आरोप है कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और उनके सहयोगियों ने एसोसिएट जर्नल लिमिटेड (AJL) पर कब्जा करने के लिए यंग इंडियन नाम की एक कंपनी बनाई और इस कंपनी में शैल कंपनियों के जरिए लोन लिया गया. आरोप है कि कांग्रेस (Congress) ने 90 करोड़ रुपये का कथित लोन एसोसिएट जनरल लिमिटेड को दिया था. यह लोन कांग्रेस ने यंग इंडियन को दिया था और इसके आधार पर एसोसिएट जर्नल लिमिटेड के अधिकांश शेयर सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के पास चले गए थे. आरोप है कि 90 करोड़ रुपये के लोन के बदले यंग इंडियन ने कांग्रेस को मात्र 50 लाख रुपये दिए थे. फिलहाल इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच जारी है.